डाउन टू अर्थ, 11 अगस्त जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए मीथेन उत्सर्जन को कम करना बहुत जरूरी है। यह सर्वविदित है कि मीथेन (सीएच4) कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) की तुलना में ग्रीनहाउस गैस के रूप में लगभग तीस गुना अधिक शक्तिशाली है। इसलिए नीदरलैंड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च के शोधकर्ता दुनिया भर में बड़े मीथेन रिसाव के बारे में पता लगा रहे हैं। ब्यूनस आयर्स के एक लैंडफिल में प्रति...
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जानें कैसे हवा को ठंडा करने की तकनीकें पृथ्वी को गर्म कर रही हैं?
-इंडियास्पेंड, क्या आप जानते हैं कि एयर कंडीशनर जैसी रेफ्रिजेरेशन और कूलिंग तकनीकें 100 करोड़ टन से अधिक कार्बन-डाइऑक्साइड उत्सर्जन (CO2) करती हैं? ये आंकड़े जापान के उत्सर्जन के बराबर हैं, जो 2018 में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कार्बन-डाइऑक्साइड उत्सर्जक देश था। भारत ने ऊर्जा-बचत और जलवायु-अनुकूल कूलिंग तकनीकों के लिए एक इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP) तैयार किया गया था, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके लॉन्च होने के दो...
More »भोपाल गैस त्रासदी में विधवा हुईं महिलाओं की पेंशन फ़िर से शुरू करने की मांग
-द वायर, भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के हित में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन ने मध्य प्रदेश सरकार से इस आपदा के कारण विधवा हुईं महिलाओं की पेंशन फिर से शुरू करने की मांग की है. इनमें से कुछ महिलाएं पिछले दो दिन से क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं. गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘हम प्रदेश सरकार से दुनिया...
More »यूनियन कार्बाइड से लेकर फेसबुक और ब्लूम्सबरी तक सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपनाती हैं दोहरा मानदंड
-कारवां, क्या भोपाल गैस त्रासदी के वक्त यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन सीईओ वारेन एंडरसन, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और ब्लूम्सबरी के सीईओ नाइजिल न्यूटन के बीच कोई समानता है? उनमें एक समानता उनका यह विश्वास है कि उन्हें भारत में कारोबार करते हुए उन मानकों का पालन नहीं करना होगा जो वे पश्चिमी लोकतंत्र में कारोबार करते समय अपनाते हैं. इन लोगों को विश्वास है कि मुनाफे के लिए वे भूतपूर्व...
More »कोरोना की मारी दुनिया में रोजगार और उत्पादन का भविष्य
न्यूजलॉन्ड्री, आज हमारी दुनिया में सब कुछ बहुत तेजी से हो रहा है. दो हफ्ते पहले मैंने लिखा था कि कोविड-19 के कारण हुए इस आर्थिक विनाश के फलस्वरूप अब कई ऐसी समस्याएं खुलकर सामने आ रही हैं जो अब तक हमारी नजरों से ओझल थीं. मैंने उन प्रवासी मजदूरों की दिल दहला देने वाली हालत के बारे में लिखा था. वे पहले रोजगार की खोज में अपने गांवों को छोड़कर...
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