द वायर, 25 जनवरी भारत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में चिकित्सा विशेषज्ञों की 80% कमी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि इसमें सर्जन, प्रसूति विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए रेफरल केंद्रों के रूप में काम करते हैं. इसमें एक ऑपरेशन थिएटर,...
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क्या है जो भारत में तैयार कर रहा है गरीब
डाउन टू अर्थ, 19 अक्टूबर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचडीआई) द्वारा जारी नवीनतम वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2022 के मुताबिक भारत ने 2005-06 और 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी से करीब 41.5 करोड़ लोगों का उत्थान किया है। देखा जाए तो यह एक ऐतिहासिक बदलाव है। यदि इस सूचकांक, एमपीआई 2022 की बात करें तो यह आय संबंधी गरीबी के साथ-साथ तीन अन्य...
More »द रूरल मीडिया फेलोशिप- 2022 के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 2 अक्टूम्बर, जल्द करें आवेदन
"विलेज स्क्वायर यूथ हब" ने युवा पत्रकारों के लिए 'रूरल मीडिया' में फेलोशिप की घोषणा की है. यह फेलोशिप हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में है. रूरल मीडिया फेलोशिप 2022, युवा पत्रकारों के लिए एक अवसर है. ग्रामीण भारत की कहानियों को कहने का. यह फेलोशिप 9 महीने तक चलेगी जिसमें सामाजिक क्षेत्र के लोगों का मार्गदर्शन और 35,000 रुपए का मासिक वेतन भी मिलेगा. विलेज स्क्वायर यूथ हब की इस फेलोशिप में 10 युवा...
More »गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
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