द थर्ड पोल, 09 फरवरी भारत के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 9 दिसंबर को कॉप-28 के दौरान, उत्सर्जन कटौती में देश की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पेरिस समझौते के प्रति देश के “भरोसे और विश्वास” की पुष्टि की। लेकिन यह घोषणा महज तीन दिन पहले की गई एक अन्य घोषणा के उलट दिखाई देती है, जब कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि भारत, जीवाश्म...
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कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से भारत में बढ़ गया कुपोषण, अध्ययन में खुलासा
डाउन टू अर्थ, 09 फरवरी भारत की खाद्य प्रणालियों में व्यवधान के कारण कोविड-19 महामारी के दौरान कम वजन वाले बच्चों में तेजी से वृद्धि हुई, क्योंकि लॉकडाउन ने उनकी पोषण स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया। न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के टाटा-कॉर्नेल इंस्टीट्यूट फॉर एग्रीकल्चर एंड न्यूट्रिशन (टीसीआई) के एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ताओं ने भारत में लॉकडाउन समाप्त होने के 18 महीने बाद गणना...
More »भारत को वैज्ञानिक सोच के साथ आवारा कुत्तों से निपटना होगा
मोंगाबे हिंदी, 29 दिसम्बर डेविड क्वामेन ने अपनी किताब ‘द सॉन्ग ऑफ द डोडो’ में लिखा है, “इस बीच, ब्रिटिश जहाजों से लाए गए घरेलू कुत्ते तस्मानिया में जंगली हो गए थे और वे हिंसक जंगली कुत्ते खुद ही कई भेड़ों को मार रहे थे।” उनकी किताब द्वीपों में प्रजातियों के खत्म होने का स्पष्ट रूप से वर्णन करती है। वे कई बार इंसानी वजहों से जानवरों के खत्म होने के...
More »सीरप से मौत के दावे के बाद भारत ने 4 साल से कम के बच्चों के लिए सर्दी-रोधी दवा पर प्रतिबंध लगाया
द वायर, 20 दिसम्बर वैश्विक स्तर पर कफ सीरप से कम से कम 141 बच्चों की मौत के मद्देनजर भारत में दवा नियामक ने चार साल से कम उम्र के बच्चों में सर्दी-रोधी दवा के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है और आदेश दिया है कि दवाओं को उसके अनुसार लेबल किया जाना चाहिए. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, नियामक ने कहा कि शिशुओं में एक अस्वीकृत एंटी-कोल्ड ड्रग फॉर्मूलेशन के प्रचार...
More »खेती पर आपदाओं की गाज से किसानों पर सालाना पड़ रही है 10.2 लाख करोड़ रुपए की मार
डाउन टू अर्थ, 01 दिसम्बर खेती-किसानी आसान नहीं और ऐसे में जब साल दर साल आपदाओं का जोखिम बढ़ रहा है तो इसे करना महंगा सौदा बनता जा रहा है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इन आपदाएं के चलते दुनिया भर के किसानों पर हर साल 10.2 लाख करोड़ रुपए (12,300 करोड़ डॉलर) से ज्यादा की मार पड़ रही है। जो वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र...
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