-द प्रिंट, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पर्याप्त विचार किए बिना पारित कृषि विधेयकों के विरोध में 18 विपक्षी दलों और 31 किसान संगठनों ने अपनी एकजुटता प्रदर्शित की है. विधेयकों में साफ ज़ाहिर कमियों के कारण वे चाहते थे कि राज्यसभा में पारित किए जाने से पहले उन्हें समीक्षा के लिए सदन की स्थाई समिति में भेजा जाए. लेकिन विपक्ष की मांग को सिरे से खारिज कर दिया गया. कई विशेषज्ञों...
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NRC को पूंजीवादी दृष्टि से भी देखा जाना चाहिए
एनआरसी को अभी तक सिर्फ़ कम्युनल और संवैधानिक दृष्टि से ही देखा गया है। एनआरसी पूंजीवादी के कितना काम आ सकता है, किस तरह काम आ सकता है इस पर भी एक नज़र डाल लेना चाहिए। क्योकि पूंजीवादी जब फासीवाद को अपना हथियार बना लेता है तो दमन और क्रूरता के सारे पुराने मापदंड टूट जाते हैं।इसे समझना हो तोलोकल इंटेलिंजेंस यूनिट के हवाले से लिखी गई अमर उजाला की...
More »संविधान और जनतंत्र-- मणीन्द्रनाथ ठाकुर
किसी देश का संविधान इस बात को सुनिश्चित करता है कि समाज में विधि का शासन है. यह एक तरह से आधुनिक विश्व की बड़ी उपलब्धि है. ऐसा नहीं है कि संविधान मात्र के होने से सुशासन होगा ही. लेकिन, इससे शासन की एक सीमा तय होती है. जिन संविधानों का निर्माण लंबे मुक्ति संघर्षों के बाद हुआ है, उनमें संघर्ष की आत्मा बसती है. भारतीय संविधान इसका अच्छा...
More »व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत-- विराग गुप्ता
कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पाॅक्सो मामलों में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि मौत की सजा से अपराधों का समाधान नहीं हो सकता है. उन्नाव और कठुआ रेप मामलों में देशव्यापी राजनीतिक असंतोष को भांपकर सरकार ने यू-टर्न लेते हुए 12 साल तक की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा के लिए अध्यादेश जारी कर दिया. राष्ट्रपति की मंजूरी के...
More »शिक्षकों से बड़ा मजाक, शौचालय के गड्ढे खोदने में लगाया
मध्य प्रदेश में शिक्षकों से उन कामों को करने के लिए कहा जा रहा है जिनका शिक्षण कार्य से संबंध नहीं है। राज्य के टीकमगढ़ जिले में शिक्षकों को शौचालयों के गड्ढों की खुदाई के कार्यों में सहयोग करने और उस पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राज्य में चाहे जनगणना का काम हो, मतदाता सूची बनाने का अभियान चलाया जाए या फिर कोई भी बड़ा अभियान सरकार...
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