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डब्ल्यूटीओ का खाद्यान्नों की सरकारी खरीद को उत्पादन के 15 फीसदी तक सीमित करने का प्रस्ताव

-गांव सवेरा,  नवंबर के अंत में विश्व व्यापार संगठन  (डब्ल्यूटीओ) की कृषि पर समझौते (एओए) को लेकर 12वीं मंत्रीस्तरीय सम्मेलन (एमसी 12) बैठक होने वाली है। एमसी12 के एजेंडा के दो प्रस्ताव देश के किसानों के घातक साबित हो सकते हैं। इसके एक एजेंडा प्रस्ताव में कहा गया है कि गरीबों के लिए सब्सिडी पर खाद्यान्न मुहैया कराने के लिए और कम संसाधनों वाले किसानों की आजीविका सुरक्षा के लिए बनाये जाने...

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मीठा देने वाले गन्ना मजदूर एक-एक निवाले को मोहताज क्यों?

-कारवां, एक तरफ, देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में शोषण का ऐसा जाल बिछा हुआ है, जो हमें दिखाई तो नहीं देता है लेकिन दिन-ब-दिन अधिक फैलता और कसता जा रहा है. गन्ने की खेती के इस जाल में फंसे मजदूर और छोटे किसान अपनी बेबसी का रोना रो रहे हैं....

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महामारी के दौरान हमारी सरकार और पुलिसिया बर्ताव

-न्यूजलॉन्ड्री, किसी बड़ी महामारी के बीत जाने के बाद, उससे जुड़े कुछ दृश्य और घटनाएं लोक-चेतना में स्थाई निवास बुन लेते हैं. कोरोना की दो लहरों के दौरान हुई मीडिया कवरेज में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी, जलती चिताएं, ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए भागते लोग, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, लोगों के साथ पुलिसिया बर्ताव और सरकारी विज्ञापनों की तस्वीरों और खबरों ने हमारे जेहन में स्थाई जगहें बनाई. भविष्य में जब भी...

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नवउदारवाद और राष्ट्रवाद के बीच में खेती-किसानी का भविष्य

-न्यूजक्लिक, सभी जानते हैं कि तीसरी दुनिया के देशों में मुक्ति का संघर्ष जिस साम्राज्यविरोधी राष्ट्रवाद से संचालित था, वह उस पूंजीवादी राष्ट्रवाद से बिल्कुल भिन्न प्रजाति की चीज थी, जिसका जन्म सत्रहवीं सदी में यूरोप में हुआ था। पश्चिम में इस तरह की प्रवृत्ति है, जिसमें प्रगतिशील भी शामिल हैं, जो राष्ट्रवाद को एकसार तथा प्रतिक्रियावादी श्रेणी की तरह देखती है। वे साम्राज्यविरोधी राष्ट्रवाद तक को यूरोपिय पूंजीवादी राष्ट्रवाद के...

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देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल-7: दूसरी लहर में क्या था उत्तर प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ का हाल

-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के सबसे अधिक प्रभावित 15 जिलों की जमीनी पड़ताल की और लंबी रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट को अलग-अलग कड़ियों में प्रकाशित किया जा रहा है। पहली कड़ी में आपने पढ़ा कि कैसे 15 जिले के गांव दूसरी लहर की चपेट में आए। दूसरी लहर में आपने पढ़ा अरुणाचल प्रदेश के सबसे प्रभावित जिले का हाल। तीसरी...

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