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जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश

 मोंगाबे हिंदी , 28 अप्रैल जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल फिजिकल क्लाइमेट रिस्क रिपोर्ट) में ये बात कही गई है। इस रिपोर्ट को क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई/XDI) ने तैयार किया है। यह संगठन भौतिक जलवायु जोखिम के विश्लेषण में माहिर हैं। इसने दुनिया भर में 2,600...

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विश्व बैंक ने फंड देने से किया इनकार तो अधर में लटका भारत का तटीय मिशन!

डाउन टू अर्थ, 21 मार्च   भारत सरकार के राष्ट्रीय तटीय मिशन को विश्व बैंक ने पैसा देने से इंकार कर दिया तो सरकार ने इसके बजट में भारी कटौती कर दी और मिशन को 'अधर' में छोड़ दिया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन पर बनी विभाग संबंधित संसदीय समिति ने इस पर एतराज जताया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मांग अनुदान (2023-24) को लेकर सौंपी गई...

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अगले 27 वर्षों में जलवायु आपदाओं का शिकार होंगे भारत के 95 फीसदी छोटे किसान: रिपोर्ट

डाउन टू अर्थ,2 मार्च  देश में शायद ही कोई घर होगा जहां चावल न बनता हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगले 27 वर्षों में भारत धान की पैदावार के लिए उपयुक्त करीब 450,000 वर्ग किलोमीटर भूमि खो सकता है। इसके लिए कहीं न कहीं जलवायु में आता बदलाव जिम्मेवार है। देखा जाए तो इससे उत्पादन और खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ किसानों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा। यह जानकारी मैकेंजी एंड...

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कितनी बड़ी समस्या बन गया है भारत में समुद्र में बढ़ता प्लास्टिक कचरा

द वायर, 6 फरवरी समुद्रों को माइक्रोप्लास्टिक का महासागर बनने से बचाने के लिए यथाशीघ्र उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता हैं। पृथ्वी पर जीवन एवं संवहनीयता के दृष्टिकोण से स्वच्छ समुद्र का होना अति आवश्यक है। पिछले कुछ दशकों में प्लास्टिक की मांग एक नाटकीय क्रम में तेजी से बढ़ी हैं। प्लास्टिक की मांग में तेजी होने के प्रमुख कारण - प्लास्टिक का हल्का, लचीलापन, लंबी अवधि तक टिके रहने...

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मौसम विभाग की रिपोर्ट ; पांचवां सबसे गर्म साल रहा 2022

भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...

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