दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा एक ऐसा जिला है, जहां से आए दिन नक्सली मुठभेड़ की खबरें सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन इस जिले की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है मलेरिया। न सिर्फ ग्रामीण, बल्कि नक्सलियों से लोहा लेने के लिए तैनात जवान भी मच्छर के आगे वेबस हैं। जवान भी मलेरिया से दम तोड़ रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग दावा करता है कि वह 42 लाख मच्छरदानियां बांट चुका है, लाखों रुपये एंट्री...
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80 की उम्र में जुनून के साथ कर रहे खेती, सालाना कमाई 4 लाख
कटनी। नईदुनिया प्रतिनिधि उम्र 80 वर्ष की और खेती का जुनून ऐसा की युवा किसान भी हैरान हो जाए। ये कहानी मझगवां में रहने वाले किसान अट्ठी लाल कुशवाहा की है जो 80 उम्र खेती कर रह रहे हैं और उसी से हर वर्ष लगभग 4 लाख रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। उनका सब्जी का व्यवसाय जिले तक सीमित नहीं रहकर पड़ोसी जिले उमरिया और उसके आगे शहडोल तक पहुंच...
More »निराई गुड़ाई का खर्च बचाने के लिए बना डाली ‘जुगाड़’ की मशीन
किसान खेती को लेकर धीरे-धीरे ही सही जागरूक और सजग हो रहे हैं। कम लागत की जैविक खेती करने के साथ ही अब किसान कई तरह के देशी जुगाड़ भी अपनाते हैं। ऐसे ही किसानों के लिए मंदसौर के एक मिस्त्री हातिम कुरैशी ने निराई-गुड़ाई के लिए एक जुगाड़ मशीन इजाद की है, जिससे किसानों की लागत कम आती है और बाजार से खर पतवार नासक दवाइयों का छिड़काव नहीं...
More »रसायनों से जहरीली होती जमीन -- पंकज चतुर्वेदी
हाल ही में महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कीटनाशक की चपेट में आकर अठारह किसानों और खेत में काम कर रहे मजदूरों की मौत हो गई है। बीते बीस दिनों के दौरान कोई पांच सौ किसान और श्रमिक अस्पताल में भर्ती हुए हैं। असल में, इस इलाके में कपास की खेती होती है। इस बार कपास में गुलाबी कीड़े (पिंक बोलवर्म) आ गए हैं। मजबूरन किसानों ने प्रोफेनोफॉस जैसे जहरीले...
More »फसल अच्छी हुई फिर भी किसान की प्रतिदिन आय केवल 82.5 रुपए
सारंगपुर (प्रदीप जैन/अकरम अंसारी)। खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने की बातें केवल प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के भाषणों तक सिमटी नजर आती हैं। किसानों की वास्तविक स्थिति देखें तो हालात कुछ और ही दिखाई देते हैं। वर्तमान में खेती-किसानी लाभ का धंधा तो दूर की बात आजीविका चलाने का साधन तक नहीं बन पाई है। किसानों की प्रतिदिन आय को देखकर यह अंदाजा...
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