सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था। कुल 1 हजार की तादाद में पगड़ियां थीं और उनका रंग मटमैलेपन के बीच पूरी शान...
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भीलवाड़ा सोशल ऑडिट के सबक
३८१ ग्राम पंचायत, लगभग १६०० गांव और डेढ लाख से भी अधिक ग्रामीणों से रूबरू होते हुए भीलवाड़ा जिले में १ अक्तूबर से प्रारंभ हुआ सामाजिक-अंकेक्षण अभियान गुजरे १२ अक्तूबर को सामाप्त हुआ तो नरेगा और सूचना के अधिकार से जुड़ी कई सच्चाइयों से पर्दा उठा। सामाजिक अंकेक्षण के लिए कुल १३५ टोलियां निकली थीं और हर टोली में थे १५-१५ प्रशिक्षित सदस्य। ३८१ ग्राम पंचायतों की पदयात्रा के बाद...
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