बात कोविड काल की है। अफगानिस्तान में बहुसंख्यक तबके ने करीब 25 सिखों को मौत के घाट उतार दिया। और इस कारण से सिखों में डर पसरा। जिसका नतीजा था लगभग 200 सिक्खों का हिंदुस्तान की ओर पलायन। यह पलायन उनकी ख्वाहिश से नहीं मजबूरी से उपजा था। प्रश्न यह है कि सिखों के साथ यह अत्याचार क्यों हो रहा था? अफगानिस्तान के बहुसंख्यक तबके का कहना था कि सिख कोविड...
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'अनिश्चित न्याय:उत्तर पूर्व दिल्ली में 2020 में हुई हिंसा पर एक नागरिक समिति की रिपोर्ट'; कौंस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने की जारी
16 अक्टूबर, कौंस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप प्रेस विज्ञप्ति प्रिय मीडियाकर्मी, कौंस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं के भूतपूर्व सिविल सेवकों का समूह है। हमने केंद्रीय और विभिन्न राज्य सरकारों में काम किया है। हम एक ऐसी नागरिक संस्कृति के संवर्धन के लिए प्रयत्नशील हैं, जो भारतीय संविधान में निहित आचार के दायरे में रहे। सामूहिक रूप से हम किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं, क्योंकि हम तटस्थता में दृढ़ विश्वास रखते हैं। उत्तर पूर्व...
More »भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...
More »गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
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