अग्रिम मोर्चे पर पैदल सैनिकों की सहायता से ही कुछ महत्वपूर्ण युद्ध जीते जाते हैं। मिशन इंद्रधनुष के दूसरे चरण का आगाज इसी अक्तूबर में होने वाला है, और इस अभियान के पैदल सैनिक निश्चय ही स्वास्थ्य सेविकाएं हैं, जो बच्चों का टीकाकरण कर टीके से रोके जाने वाले रोगों से लड़ने में सहायता कर रही हैं। गर्मी की तेज धूप हो या मानसून की तेज बारिश, ये स्वास्थ्य सेविकाएं...
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सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक अभियान-- पत्रलेखा चटर्जी
क्या इस देश को एक नए नारे की जरूरत है? मेरे हिसाब से यह नारा इस तरह हो सकता है-एक विवेकशील भारत। डिजिटल इंडिया और इनोवेटिव इंडिया जैसे नारे तो देश को प्रेरित करते ही रहेंगे, लेकिन इसके समानांतर देश में जो कुछ हो रहा है, उसकी अनदेखी करना बहुत खतरनाक होगा। एक तरफ तो हम लगातार आधुनिकता, विज्ञान और वैश्वीकरण की बातें करते हैं। दूसरी ओर, हमारी जनसंख्या का...
More »निरक्षर अब पंचायत के दरवाजे से बाहर-- सुभाष गताडे
भू टान, लीबिया, केन्या, नाईजीरिया और भारत इन देशों में क्या समानता है? वैसे, पहले उल्लेखित चारों देश- जहां जनतंत्र अभी ठीक से नहीं आ पाया है, कहीं राजशाही तो कहीं तानाशाही, तो कहीं जनतंत्र एवं अधिनायकवाद के बीच की यात्रा चलती रहती है- और दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र कहलानेवाले भारत की किस आधार पर तुलना की जा सकती है? पिछले दिनों आये हरियाणा विधानसभा के एक फैसले...
More »ग्रामीण इलाकों में एससी-एसटी के एक चौथाई परिवार निरक्षर
देश के ग्रामीण इलाके में अनुसूचित जाति और जनजाति के तकरीबन एक चौथाई परिवार निरक्षर हैं। ग्रामीण इलाके के अन्य परिवारों की तुलना में यह संख्या लगभग डेढ़ से दो गुनी ज्यादा है।(देखें नीचे दी गई लिंक) देश के अलग-अलग सामाजिक वर्गों के बीच मौजूद रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति पर केंद्रित एनएसएसओ की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के ग्रामीण इलाके में 26.6 प्रतिशत एसटी एवं 23...
More »सरकारी स्कूलों के ज्यादातर बच्चे नहीं बोल पाते ए, बी, सी, डी...
रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग इस बार पहली से आठवीं तक वार्षिक परीक्षा लेने की तैयारी कर रहा है। वहीं सरकारी स्कूलों में पिछले चार-पांच सालों से सतत मूल्यांकन के नाम पर चल रहे फेल न करने के खेल ने पढ़ाई का कबाड़ा कर दिया है। आलम यह है कि राजधानी के सरकारी स्कूलों के पांचवीं क्लास के ज्यादातर बच्चे अंग्रेजी की ए, बी, सी, डी...(अल्फाबेट) भी ठीक से नहीं बोल पाते...
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