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कॉप-28: लंबी खींचतान के बाद क्लाइमेट पर नए प्रस्ताव पर सहमति लेकिन नीयत सवालों के घेरे में

कार्बनकॉपी, 14 दिसम्बर  लंबी खींचतान के बाद आखिरकार दुबई वार्ता में एक नए क्लाइमेट प्रस्ताव पर सहमति हो गई लेकिन इसमें जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को खत्म करने या भारी कटौती के लिए प्रावधानों का अभाव है। पिछले दो हफ्ते से संयुक्त अरब अमीरात की मेजबानी में हुए इस सम्मेलन में कई विवाद उठे और जीवाश्म ईंधन, क्लाइमेट फाइनेंस और एडाप्टेशन जैसे मुद्दों पर गहरी चर्चा हुई। हालांकि सम्मेलन के पहले...

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खतरे में हिल स्टेशन: क्या जोशीमठ के 'सबक' आ सकते हैं काम?

डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर मॉनसून 2023 बीत चुका है और हर सीजन की तरह यह मॉनसून हिमालयी राज्यों को नए जख्म दे गया। बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को तो ऐसे जख्म दे गया कि जो कई साल तक सालते रहेंगे। साल 2023 की शुरुआत जोशीमठ आपदा से शुरू हुई थी। जोशीमठ ने देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके बाद मॉनसून के दौरान हिमाचल...

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कारखानों के कचरे से प्रदूषित हुआ राजस्थान का बिछड़ी गांव, 35 साल बाद भी न्याय का इंतजार

मोंगाबे हिंदी, 27 सितम्बर  बिछड़ी गांव की सड़कों पर चहलकदमी करते हुए आपको ज्यादातर घरों के बाहर रखे या खिड़कियों पर लटके हुए सभी आकार के पानी के कंटेनर दिखाई देंगे। ऐसा ही एक घर गांव में रहने वाली 50 साल की आदिवासी महिला लहरी देवी का है। उनका घर आधा बना हुआ है। टिन के शेड से ढका हुआ है। लहरी देवी का घर राजस्थान के इस गांव में प्रवेश...

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कैसे जीवन रक्षक दवाओं की कीमते तय करती है केंद्र सरकार, नए हलफनामा में दी जाएगी जानकारी

डाउन टू अर्थ, 18 सितम्बर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि सरकार जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों के बारे में एक नया दस्तावेज प्रस्तुत करेगी जिसमें बताया जाएगा कि वह महत्वपूर्ण और जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों को कैसे नियंत्रित करती है। ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क द्वारा दायर इस याचिका पर अगली सुनवाई 4 अक्टूबर 2023 को होगी। उच्च न्यायालय में मामला जाने के बाद हरिद्वार में...

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महानदी: 86 सालों बाद भी क्यों नहीं सुलझ पा रहा छत्तीसगढ़, ओडिशा जल विवाद

मोंगाबे हिंदी, 21 अगस्त  बारिश के इस मौसम में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाइगढ़ ज़िले के कलमा बैराज के दोनों तरफ़ पानी नज़र आ रहा है। लेकिन दो-तीन महीने पहले तक तस्वीर ऐसी नहीं थी। छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग ने कलमा बैराज के अपने सारे गेट बंद कर रखे थे, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के हिस्से वाली नदी में तो दूर-दूर तक अथाह पानी नज़र आ रहा था लेकिन ओडिशा की तरफ़ नदी,...

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