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आत्मनिर्भर बन रही हैं केरल की आदिवासी महिलाएँ

बाबा मायाराम, पालक्काड़ “हम जल, जंगल और जंगली जानवरों का संरक्षण करने के साथ-साथ आदिवासियों की आजीविका को भी बचाने की कर रहे हैं। जंगल से हम उतना ही लेते हैं, जितनी जरूरत होती है। जंगली जानवरों के लिये को उनके पसंद के फल, फूल, पत्ते और कंद छोड़ देते हैं; जिससे वे भी जिये और जंगल की जैव-विविधता भी बनी रहे।” यह मंजू वासुदेवन थीं, केरल के त्रिचूर जिले में ‘फॉरेस्ट...

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संरक्षण के लिए यूरेशियन लिन्क्स पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत

मोंगाबे हिंदी, 29 नवम्बर इस साल फरवरी में लद्दाख में कुत्तों से घिरी जंगली बिल्ली का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई समाचार संगठनों ने इस क्लिप को अपने ‘वायरल वीडियो‘ सेक्शन में पब्लिश किया। इस वीडियो पर आए कमेंट्स में लोग इस जंगली जानवर के बारे में जानने को उत्सुक थे। कुछ अनुमान सही नहीं थे और उनका कहना था कि यह घरेलू कुत्ते और...

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झारखंड: पहले जंगल उजाड़ा, फ‍िर उसे बसाने की पहल, लेकिन क‍िस कीमत पर?

इंडियास्पेंड, 29 नवम्बर रामगढ़ और हज़ारीबाग़, झारखंड: रामगढ़ के जित्रा टुंगरी गांव के पास जंगल में पहली बार में तो घूमना आसान लगता है। लेकिन जल्‍द ही घुटनों तक ऊंची घास और झाड़ियों के बीच बनी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियां राह गठ‍िन कर देती हैं। कभी-कभी सांप और गड्ढों से बचना पड़ता है। कोयना खदानों के धंसने के कारण जमीन में बड़ी खाइयां हो जाती हैं। लेकिन स्थानीय लोग इससे और अन्य सभी खतरों...

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उत्तरकाशी हादसा: हिमालय की ‘अस्थिर’ पहाड़ियों में बदलना होगा सुरंग बनाने का तरीका

कार्बनकॉपी, 24 नवम्बर  उत्तरकाशी के बड़कोट-सिल्कियारा सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की जद्दोजहद का यह दसवां दिन है। 21 नवंबर को फंसे मज़दूरों का पहला वीडियो जारी किया गया था, और रुका हुआ बचाव कार्य फिर शुरू किया गया था। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मज़दूरों तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग फिर से शुरू की जा चुकी है। मंगलवार को जारी किया गया वीडियो फंसे हुए मज़दूरों के परिजनों...

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झारखंड: पहले जंगल उजाड़ा, फ‍िर उसे बसाने की पहल, लेकिन क‍िस कीमत पर?

इंडियास्पेंड, 24 नवम्बर  रामगढ़ के जित्रा टुंगरी गांव के पास जंगल में पहली बार में तो घूमना आसान लगता है। लेकिन जल्‍द ही घुटनों तक ऊंची घास और झाड़ियों के बीच बनी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियां राह गठ‍िन कर देती हैं। कभी-कभी सांप और गड्ढों से बचना पड़ता है। कोयना खदानों के धंसने के कारण जमीन में बड़ी खाइयां हो जाती हैं। लेकिन स्थानीय लोग इससे और अन्य सभी खतरों से बचने में कामयाब...

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