इंडियास्पेंड, 24 जनवरी वर्ष 2023 पिछले 100,000 की अपेक्षा सबसे गर्म वर्ष रहा। पृथ्वी के लगभग सभी महाद्वीप पर गर्मी के रिकॉर्ड टूट गए। सेंटर फॉर साइंस के एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 2023 के पहले नौ महीनों में 273 से 235 दिन (86% से थोड़ा अधिक) में अतिविषम मौसम रहा। गर्मी और ठंडी लहरों, चक्रवात और बिजली से लेकर भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन तक, पर्यावरण के साथ हर...
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खतरे में खाद्य उत्पादन, बढ़ते तापमान से भारत में 73 फीसदी तक घट सकती है किसानों की श्रम उत्पादकता
डाउन टू अर्थ, 22 जनवरी कहते हैं जब किसान का पसीना धरती पर गिरता है तो दाना उपजता है, जो धरती पर करोड़ों लोगों का पेट भरता है। इसमें शक नहीं की खेती-किसानी बड़ी मेहनत का काम है। इसके लिए किसानो को तपती गर्मी, बारिश और हाड़ गला देने वाली सर्दी की परवाह किए बिना जूझना पड़ता है। लेकिन बढ़ता तापमान देश के इन मेहनतकश किसानों को भी आजमा रहा है। इसका...
More »छला महसूस कर रहे हैं बीटी कपास अपनाने वाले किसान
डाउन टू अर्थ,11 दिसम्बर राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »गुलाबी सुंडी के कारण आत्महत्या के कगार पर पहुंचे किसान, बीटी कपास को भी भारी नुकसान!
11 दिसम्बर, गाँव सवेरा राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »इंसानों के चलते 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में खारी हो रही जमीन, बिगड़ रहा 'नमक चक्र' का संतुलन
डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर क्या आप जानते हैं कि जो नमक हमारे लिए बेहद जरूरी है उसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा पर्यावरण और इंसानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही है। विडम्बना देखिए कि जिस तरह से पर्यावरण में खारापन बढ़ रहा है उसके लिए हम इंसान ही जिम्मेवार हैं। रिसर्च से पता चला है कि इंसानों के कारण दुनिया भर में बढ़ते लवणीकरण से 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में...
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