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'भारत को कृषि के लिए एक पारिस्थितिकी केंद्रित दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए'

इंडियास्पेंड, 11 मई  पी.एस. विजयशंकर धारणीय खेती और जल संसाधन प्रबंधन के विशेषज्ञ हैं। वह कहते हैं कि1960 के दशक में भारत की हरित क्रांति द्वारा लाई गई उत्पादन-केंद्रित कृषि, उच्च उपज वाले बीजों, उर्वरकों और भूजल के अत्याधिक उपयोग से भारत को 1970 के दशक तक खाद्य आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद तो मिली, लेकिन इसने मृदा स्वास्थ्य, भूजल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का काफी नुकसान भी किया। भारत को...

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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...

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जीएम सरसों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन हुआ: ग़ैर-सरकारी संगठन

द वायर, 07 जनवरी आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों का विरोध करने वाले गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी कर जीएम सरसों के मूल्यांकन और उसे मंजूरी दिए जाने की प्रक्रिया में नियमों के ‘उल्लंघन’ का आरोप लगाया गया है. ‘द कोअलिशन ऑफ जीएम-फ्री इंडिया’ की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएम-सरसों के मंजूरी-पूर्व मूल्यांकन के दौरान स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी शामिल नहीं...

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क्या है जीएम सरसों और ये विवादों में क्यों है?

इंडियास्पेंड, 23 दिसम्बर सरसों भारत की प्रमुख खाद्य तेल फसल है। भारत पिछले कुछ दशकों से तेल की मांग पूरी करने के लिए विदेशों से खाद्य वनस्पति तेल आयात करता है। तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने, उत्पादकता बढ़ाने और विदेश जाने वाले करोड़ों डॉलर बचाने के लिए जीएम सरसों को विकल्प के तौर पर देखा जा रहा। लेकिन पर्यावरण प्रेमी, कई किसान संगठन, खाद्य मामलों के जानकार जीएम सरसों का विरोध...

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अब तक 268.80 लाख हेक्टेयर में बोई गईं रबी की फसलें, गेहूं-सरसों का रकबा सबसे अधिक

कृषि जागरण, 19 नवम्बर रबी सीजन 2022 के पहले 45 दिनों में रबी फसलों का बुवाई क्षेत्र में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बुवाई के संबंध में ये रकबा पिछले सीजन की इस अवधि तक कई अधिक है. हालांकि किसानों को बीज, खाद की समय पर उपलब्धता और फसलों के अनुकूल को मौसम इस फसल सीजन में गेहूं, सरसों और चना के वास्तविक उत्पादन का निर्धारण करेंगे. 18 नवंबर तक जारी...

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