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2019-21 के बीच आत्महत्या करने वालों में दैनिक वेतन भोगियों और गृहिणियों की संख्या सर्वाधिक

द वायर, 15 फरवरी श्रम और रोजगार मंत्रालय ने सोमवार (14 फरवरी) को एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि 2019 और 2021 के बीच देश भर में आत्महत्या से मरने वाले लोगों की सबसे बड़ी श्रेणी दैनिक वेतन भोगी (दिहाड़ी) लोगों की है. आत्महत्या के मामले में दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी गृहिणियों की है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डेटा के मुताबिक, स्व-नियोजित व्यक्तियों, बेरोजगारों और छात्रों की...

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CMIE रिपोर्ट: बेरोजगारी में फिर पहले नंबर पर रहा हरियाणा, विपक्ष ने साधा निशाना!

 गाँव सवेरा, 4 जनवरी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़ों में हरियाणा फिर से पहले स्थान पर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर के महीने में हरियाणा में बेरोजगारी की उच्चतम दर 37.4% रही, इसके बाद राजस्थान में 28.5 प्रतिशत, दिल्ली में 20.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर्ज रही. वहीं बिहार में 19.1 प्रतिशत और झारखंड 18 प्रतिशत बेरोजगारी दर दर्ज की गई. बेरोजगारी के...

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देश में बेरोज़गारी दर दिसंबर में 16 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंची: सीएमआईई

द वायर, 02 जनवरी देश में बेरोजगारी की दर दिसंबर, 2022 में बढ़कर 8.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बेरोजगारी दर का यह 16 माह का उच्चतम स्तर है. आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत थी, जबकि सितंबर में यह सबसे कम 6.43 प्रतिशत थी. वहीं, अगस्त में...

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महामारी के काल में 'महिला कर्मी' और उनका 'मेहनताना'

किसी भी शख्स को रोटी, कपड़ा और मकान सहित अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। अधिकतर लोग पैसे कमाने के लिए रोजी करते हैं। लेकिन क्या आप ऐसी नौकरी करेंगे जहां आपको मजदूरी ही ना मिले? हमने पिछले न्यूज अलर्ट में ऐसे लोगों की पड़ताल की थी, जिन्हें किसी भी प्रकार का वेतन नहीं मिलता था। इस न्यूज़ अलर्ट में, महामारी के समय में,...

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केवल रोजगार के आंकड़े काफी नहीं, रोजगार में गुणपूर्णता जरूरी!

बेहतर आर्थिक वृद्धि मौजूदा दौर के हर ‘राष्ट्र राज्य’ की पहली प्राथमिकता है। और इस प्राथमिकता को हासिल करने के लिए जरूरी है अर्थव्यवस्था का पहिया तेज गति से घूमे। पहिए की गति उत्पादन (प्रोडक्शन) पर निर्भर करती है। जितना अधिक उत्पादन होगा उतने ही अधिक गति से पहिया दौड़ेगा। उत्पादन मुख्यत दो कारकों पर टिका रहता है–पहला पूंजी और दूसरा मजदूर। लेकिन मशीनें आ जाने के बाद उत्पादन के मामले में...

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