मोदी सरकार ने वायदा किया है कि अगले पांच वर्षों में हर घरों में चौबीस घंटे बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने पारेषण (ट्रांसमिशन) संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मेगा योजना की शुरुआत भी की है। लेकिन बिजली वितरण कंपनियों की अनिश्चित वित्तीय हालत इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की राह में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है। स्थिति यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं से 1.93 लाख...
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बिजली की राह में सब्सिडी का झटका- नूर मुहम्मद
मोदी सरकार ने वायदा किया है कि अगले पांच वर्षों में हर घरों में चौबीस घंटे बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने पारेषण (ट्रांसमिशन) संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मेगा योजना की शुरुआत भी की है। लेकिन बिजली वितरण कंपनियों की अनिश्चित वित्तीय हालत इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की राह में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है। स्थिति यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं से 1.93 लाख...
More »कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश
देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....
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