किसान तक , 17 अगस्त इसमें कोई शक नहीं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक है. लेकिन, इसमें भी कोई शक नहीं है कि हम बड़े दाल आयातक भी हैं. सवाल यह है कि ऐसा विरोधाभास क्यों? जवाब यह है कि बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए दलहन फसलों की जितनी खेती होनी चाहिए थी, उस गति से रफ्तार नहीं बढ़ी. आजादी के बाद से ही...
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जून में कम बारिश से पिछड़ी खरीफ फसलों की बुवाई
इंडियास्पेंड, 12 जुलाई इस मौसम को खेती के लिए सबसे सही माना जाता है। लेकिन नासिक के उतराने गांव के सुनील पगार अभी तक अपनी 10 एकड़ जमीन पर बुआई भी शुरू नहीं कर पाये हैं । वह मक्का बोने की योजना बना रहे हैं। लेकिन दक्षिण-पश्चिम मानसून में देरी की वजह से उनके गांव में 3 जुलाई तक अच्छी बारिश नहीं हुई। वे अब बाजश्रा बोने की सोच रहे हैं...
More »200 किलोमीटर पैदल क्यों चलना पड़ रहा है दक्षिण बिहार के किसानों को
गाँव कनेक्शन, 3 जुलाई बिहार में मानसून आ चुका है और घनश्याम यादव अपने घर वापस जाने की तैयारी में हैं। 70 साल के किसान को अपना घर छोड़े हुए दो महीने से ज़्यादा हो गया है। अप्रैल की शुरुआत में, जब भीषण गर्मी पड़ रही थी, वह 32 भैंस और बारह अन्य चरवाहों के साथ मवेशियों के लिए चारे की तलाश में पंद्रह दिनों तक पैदल चल कर यहाँ तक...
More »और महंगी होगी खेतीबाड़ी: खरपतवार नाशक दवाइयों पर नहीं मिलेगा अनुदान, चुकानी होगी पूरी कीमत
अमर उजाला, 28 जून प्रदेश सरकार ने किसानों को खरपतवार नाशक दवाइयों पर मिलनी वाले अनुदान को बंद कर दिया है। अब किसानों को पूरी कीमत पर ही खरपतवार नाशक दवाइयां खरीदनी पड़ेंगी। इससे आने वाले समय में खेतीबाड़ी करना और अधिक महंगी साबित होने वाली है। अनुदान के लिए बजट न मिलने का तर्क देकर कृषि विभाग ने दोटूक कह दिया है कि जब सरकार की ओर से बजट उपलब्ध...
More »WPI और CPI सहित महँगाई से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में जानिए विस्तार से
संबंधित प्राधिकरण जब भी महँगाई से जुड़े आँकड़े जारी करता है, समाचार माध्यमों की सुर्खियाँ इन्हीं आँकड़ों से लद जाती है। हाल ही में आर्थिक सलाहकार के ऑफिस ने थोक मूल्य सूचकांक के आँकड़े जारी किए थे; जिसमें मई (2023) महीने में महँगाई को नकारात्मक दर से बढ़ते हुए दर्शाया है। ये नकारात्मक (माइनस) आँकड़ों में महँगाई किस तरह से आती है? महँगाई का आकलन कैसे किया जाता है? महँगाई...
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