सूखे राशन के प्रावधान के माध्यम से प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, सामुदायिक रसोई चलाने और 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के उचित कार्यान्वयन से संबंधित भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) हमारे लिए किसी भी तरह से आश्चर्यजनक नहीं है. ज्यां द्रेज और अनमोल सोमांची द्वारा कुछ अध्ययनों की हालिया समीक्षा, जो बहु-राज्य सर्वेक्षणों (या...
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आज से क्या-क्या बदल गया है, जानिए उनका हम पर क्या असर पड़ने वाला है?
लल्लनटॉप, 1 अक्टूबर से हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कई बदलाव हो गए हैं. बाज़ार में बिकने वाली खुली मिठाइयों पर भी एक्सपायरी डेट लिखना अब जरूरी होगा. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत फ्री गैस कनेक्शन नहीं मिलेंगे. हेल्थ इंश्योरेंस, ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल के इस्तेमाल सहित कई नियम भी बदल रहे हैं. इनका सीधा असर हम सभी पर पड़ने वाला है. आइए कुछ ख़ास बदलावों पर डालते हैं...
More »उत्तराखंड: बिगड़ते मौसम, स्मार्टफोन की कमी और खराब इंटरनेट से पहाड़ के बच्चे नहीं कर पा रहे पढ़ाई
-गांव कनेक्शन, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 175 किलोमीटर दूर टिहरी गढ़वाल जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के सरकारी प्राथमिक स्कूलों और जूनियर हाई स्कूलों में लगभग 6500 छात्र प्रारंभिक शिक्षा ले रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में देशभर के स्कूल ऑनलाइन शिफ्ट हो गए हैं। लेकिन, हिमालयी राज्य के इस ब्लॉक में केवल 38 प्रतिशत छात्र ही ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं, जबकि 60 प्रतिशत से अधिक छात्र...
More »लॉकडाउन में जेवर, फोन, जमीन तक बेचा, क़र्ज़ लिया, लेकिन सरकार के कामों से संतुष्ट हैं 74% ग्रामीण: गांव कनेक्शन सर्वे
-गांव कनेक्शन, कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन से परेशान लोगों को मोबाइल और ज्वैलरी और जमीन तक बेचनी पड़ी, पड़ोसियों और दोस्तों से उधार और कर्ज़ लिया, बावजूद इसके 74% ग्रामीण, कोरोना महामारी से लड़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट दिखें। गांव कनेक्शन द्वारा कोविड-19 लॉकडाउन के बाद किए गए ग्रामीण भारत के पहले राष्ट्रव्यापी सर्वे में ऐसी कई रोचक...
More »कोरोना महामारी के समय दिल्ली के पंजीकृत निर्माण मजदूरों को नहीं मिल पा रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
-गांव कनेक्शन, दिल्ली के इंदिरा विकास कॉलोनी में रहने वाले 32 वर्षीय प्रमोद दास लॉकडाउन की बढ़ती अवधि से चिंतित हैं। प्रमोद निर्माण के क्षेत्र में दिहाड़ी-मज़दूरी करते हैं। वह कहते हैं, "पहले तो प्रदूषण के कारण काम बंद रहा। अब कोरोना वायरस के कारण काम मिलना बंद हो गया है। हम लोग दिहाड़ी-मज़दूरी करते हैं, काम नहीं मिलेगा तो कहां से खाएंगे?" कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर...
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