द वायर, 14 मई किसी देश को डिजिटल रूप से बदलने की इच्छा के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है. हालांकि, भारत में ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है, विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में, क्योंकि कई मनरेगा श्रमिकों ने अपनी मासिक मजदूरी मिलने में देरी होने की सूचना दी है. जहां केंद्र सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर दे रही है, वहीं पर्याप्त बैंकिंग बुनियादी ढांचे की कमी और...
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बिजली गिरने से 96 फीसदी मौतें ग्रामीण इलाकों से, इनमें से 77 फीसदी किसान
गाँव कनेक्शन, 6 जुलाई बिजली गिरने की भविष्यवाणी करने वाली तकनीक और पूर्व चेतावनी देने वाले मोबाइल ऐप होने के बावजूद, ग्रामीण भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत आकाशीय बिजली के चपेट में आने से हो जाती हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में मौतों की संख्या सबसे ज्यादा है। ग्रामीणों को अभी भी उन सरल सुरक्षात्मक और निवारक उपायों के बारे में जानकारी नहीं, जिनसे वे अपनी...
More »बिहार: आजादी के 74 साल के बाद भी पंचायत चुनाव में राशन का मुद्दा
-गांव कनेक्शन, बिहार के सहरसा जिले के बीरगांव पंचायत के वार्ड नंबर-4 के डोम टोली में लगभग 75 परिवार रहते हैं, जिसमें 30-35 परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं। इसमें सभी लोग डोम यानी महादलित समुदाय से आते हैं। बिहार में राशन कार्ड के मामले में पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीरगांव पंचायत के वार्ड नम्बर-4 में खड़े हुए 7 वार्ड मेंबर सदस्यों में...
More »नजरिया: गरीब छात्रों की हकमारी न करें
-आउटलुक, “बिना योग्यता के कॉलेज में दाखिला लेना आपको भी दुख देगा और हमेशा आपके ऊपर दबाव बना रहेगा” अभी जेईई-मेन परीक्षा में गड़बड़ी की खबरें आई हैं। कुछ लोग नकल करके, सॉफ्टवेयर को हैक करके ऐसे अयोग्य बच्चों को वहां तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं जिनमें क्षमता नहीं है, काबिलियत नहीं है। मेरा मानना है कि अगर आप पैसे के बल पर, प्रश्नपत्र लीक कराकर या किसी अन्य गलत...
More »कोविड-19 महामारी में पढ़ाई पर न पड़े असर, सरकारी स्कूल के अध्यापक ने अपनी कार को बनाया 'शिक्षा रथ'
-गांव कनेक्शन, कोविड-19 के चलते स्कूल तो बंद हो गए, लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर पड़ेगा? संजय चौहाण से अगर यही सवाल पूछें तो उनका जवाब होगा नहीं, तभी तो वो हर दिन अपनी सफेद मारुति सुजुकी एर्टिगा कार लेकर अपनी मंजिल पर बच्चों को पढ़ाने पहुंच जाते हैं। संजय चौहाण धनपुर तहसील के पिपोदरा गाँव में रहते हैं, और हर दिन 12-15 किलोमीटर ड्राइव करके रूवाबाड़ी गांव...
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