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नीति आयोग का स्वास्थ्य सूचकांक: नहीं काम आ रहा 'डबल इंजन’, यूपी-बिहार सबसे नीचे

-न्यूजक्लिक, देश ललकारने वाले अंधे नारों से मिलकर नहीं बनता। ना ही कुछ अमीर लोगों के पैसे से बनता है। देश इंसानों से मिलकर बनता है। इसलिए किसी देश की तरक्की का सबसे बड़ा पैमाना वही है जो इंसानों की तरक्की के होते हैं। इसी में से एक पैमाने का नाम है देश का स्वास्थ्य क्षेत्र। इस स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर नीति आयोग की स्वास्थ्य सूचकांक की चौथी रिपोर्ट आई है।...

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खाद की कमी से बुंदेलखंड में अब तक तीन किसानों की गई जान, सरकार ने कहा- उपलब्ध है पर्याप्त खाद

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में डीएपी और एनपीके के चक्कर में तीन किसानों की जान जा चुकी है। दो किसानों की मौत खाद के लिए लाइन में लगने के दौरान बीमार होने से हुई जबकि एक किसान ने फांसी लगा ली। 18-19 तारीख की बारिश के बाद से हजारों किसानों की भीड़ सरकारी और निजी दुकानदारों के सामने उमड़ रही है। 36 साल के महेश बुनकर खाद के लिए...

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सरकारी आंकड़ों से बिहार में 134 कोविड केस में से केवल 1, UP में 100 में 1 और केरल में 6 में 1 का पता लगा

-द प्रिंट, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कोविड से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए शुक्रवार को एक और केंद्रीय टीम केरल भेजेगा क्योंकि राज्य में रोज सामने आने वाले मामलों में तेजी जारी है. जुलाई में राज्य का दौरा करने वाली यह इस तरह की दूसरी टीम होगी. कभी विश्व स्तर पर कोविड-19 से निपटने में ‘आदर्श’ माने जाने वाले केरल में पिछले दो दिनों में 22,000 से अधिक नए मामले सामने आए...

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आंदोलन के आठ महीने: ट्रैक्टर पर राहुल गांधी, महिलाओं की किसान संसद, ‘मिशन यूपी’ की शुरुआत

-जनपथ, आज 26 जुलाई 2021 को किसान आंदोलन भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर निरंतर विरोध प्रदर्शन के आठ महीने पूरे कर रहा है। आज जंतर-मंतर पर किसान संसद का संचालन पूरी तरह महिलाएं करेंगी। महिला किसान संसद भारतीय कृषि व्यवस्था में और चल रहे आंदोलन में, महिलाओं द्वारा निभायी जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाएगी। महिला किसान संसद के लिए विभिन्न जिलों से महिला किसानों का काफ़िला मोर्चे पर...

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केन-बेतवा लिंक: नए अध्ययन के बिना डेढ़ दशक पुराने आंकड़ों के आधार पर दो राज्यों में हुआ क़रार

-द वायर, किसी भी परियोजना के चलते पर्यावरण एवं जनमानस को नुकसान होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए उस प्रोजेक्ट की उपयोगिता एवं उसके प्रभावों पर स्वतंत्र रूप से गंभीर अध्ययन कराने की मांग की जाती रही है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इससे पड़ने वाले प्रभावों को कम किया जा सके व उससे हुई क्षति की उचित भरपाई हो सके. हालांकि जिस कार्य को करने में विशेषज्ञ महीनों...

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