-न्यूजक्लिक, मोदी सरकार के कार्यकाल में जहाँ एक और बेरोजगारी इतनी अधिक हैं, कोई नई नौकरिया नहीं हैं, वहीं दूसरी और जो सरकारी पद पहले से स्वीकृत हैं उन पर भी नियुक्ति नहीं हो रही हैं। केंद्र तथा राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों के आंकड़ों पर किये गए अध्ययन से पता चलता है कि रिक्त पदों कि संख्या 60 लाख से अधिक है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य सरकारों...
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ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी कहां हैं?
केंद्र सरकार द्वारा हर साल अपने वार्षिक बजट में ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के लिए भारी रकम आवंटित की जाती है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में अधिकारी नहीं होते हैं, तो क्या अधिकारियों की कमी के चलते सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू किया जा सकता है? यदि हम इस मुद्दे के बारे में गहराई से सोचें तो हमें जवाब तो आसानी से मिल...
More »खस्ताहाल उद्योग-धंधे, अर्थव्यवस्था की हालत भी पतली
-डॉयचे वेले, कोरोना संकट के दौरान लाखों प्रवासी कामगारों ने यह सोच कर घरों का रुख किया कि वे अपने लोगों के बीच रहकर कुछ न कुछ करके जीवन-यापन कर लेंगे. लेकिन बिहार में रोजगार के सीमित अवसरों के बीच 'कुछ न कुछ' भी तलाशना उनके लिए भारी पड़ रहा है. अकुशल मजदूरों के लिए दिहाड़ी तो कुशल या अर्द्धकुशल कामगारों के लिए रोजगार के सीमित अवसर परेशानी का सबब बन...
More »डीयू के एड-हॉक शिक्षकों का प्रदर्शन अंदर तक सड़ चुके हमारे स्नातक कार्यक्रम की ओर इशारा करता है
जब लोगों का ध्यान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बढ़ी हुई फीस को लेकर हो रहे विरोध पर है तब दिल्ली विश्वविद्यालय में डूटा (दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स असोसिएशन) के नेतृत्व में भी प्रदर्शन हो रहा है. लगातार छठवें दिन विश्वविद्यालय के अध्यापक उप-कुलपति (वीसी) के दफ्तर के बाहर लॉन में डेरा जमाए बैठे हुए हैं. उनकी मांग दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में अध्यापकों की भर्ती को लेकर है. इसलिए वो...
More »उत्तर प्रदेश: दो साल में शिक्षामित्रों के आधे पद भी नहीं भरे गए
उत्तर प्रदेश परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से निरस्त होने के दो साल बाद तक सरकार इनमें से आधे पद नहीं भर सकी है। इसका सबसे अधिक नुकसान स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई पर पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट से समायोजन निरस्त होने के बाद रिक्त हुए पदों पर सरकार को दो चरणों में नियुक्ति करना था। पहले...
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