इस समय जब वसंत अलविदा ले रहा है और एक नया संवत्सर दहलीज पर खडा है, वाक्वीर सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने सरकार के सालाना आर्थिक सर्वेक्षण मसौदे को पहली बार एक गुलाबी जिल्द में प्रस्तुत किया। पर यह गौरतलब है कि उस मसौदे के अनुसार भारत की अपेक्षित कुल आबादी में से 6 करोड़ तीस लाख महिलाएं गायब हैं। इस गैरहाजिरी की जो मोटी वजह प्राप्त आंकड़ों से...
More »SEARCH RESULT
बाल विवाह उन्मूलन की राह-- रीता सिंह
पिछले दिनों बिहार के साढ़े चार करोड़ लोगों ने मानव शृंखला बना कर दहेज और बाल विवाह के विरुद्ध प्रतिबद्धता जाहिर की। जिस तरह राज्य की राजधानी पटना से लेकर गांव-कस्बों में कतारों में खड़े करोड़ों लोगों ने इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का संकल्प व्यक्त किया वह यह रेखांकित करने के लिए पर्याप्त है कि जनजागरण के जरिए सामाजिक बुराइयों को मिटाया जा सकता है। एक साल पहले...
More »उन पांच दिनों के नाम-- जयंती रंगनाथन
बात 1993 के अक्तूबर की है। पत्रकारों का एक दल लातूर में आए भूकंप का जायजा लेने मुंबई से वहां जा रहा था। उस दल में मैं भी थी। मुंबई से पुणे होते हुए दस घंटे की उस बस यात्रा के बाद जब सब थके-हारे चाय और खाने की तलाश में दो-चार हो रहे थे, मैं ढूंढ़ रही थी दवाई की दुकान। दुकान तो मिल गई, पर जब उससे पूछा,...
More »गरीबी नहीं गैरबराबरी है चुनौती-- मृणाल पांडे
एक जमाना था, जब कक्षा से चुनावी भाषणों तक में ‘अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है?' जैसे जुमले सुनने को मिलते थे. भला हो राग दरबारी के लेखक श्रीलाल शुक्ल का, जिन्होंने इस उपन्यास के मार्फत आजादी के बाद हमारे बदहाल गांवों की असलियत दिखाकर इस पाखंड पर ऐसी चोट की कि पढ़ने-लिखनेवाले लोग इस भावुक और निरर्थक मुहावरे से बचने लगे. फिर ‘90 के दशक में आर्थिक उदारीकरण...
More »भारत में बाल-मजदूरों की तादाद 3 करोड़ से ज्यादा - सेव द चिल्ड्रेन की नई रिपोर्ट
क्या आप जानते हैं कि यंगिस्तान यानी नौजवानों का देश कहलावाने वाले भारत में बच्चों की दशा कैसी है ? नीचे लिखे तथ्यों को ध्यान से पढ़िए और खुद ही फैसला कीजिए. बच्चों में कुपोषण का एक पैमाना है स्टटिंग और भारत में स्टटिंग के शिकार बच्चों की संख्या 4 करोड़ 80 लाख से अधिक है. यह दक्षिण अमेरिका के देश कोलंबिया की कुल आबादी(4 करोड़ 90 लाख) के बराबर है. लगभग इतनी ही...
More »