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संरक्षण के अभाव में कहीं विलुप्त न हो जाए रोबदार बिल्ली स्याहगोश

मोंगाबे हिंदी, 20 अक्टूबर भारत में एक छोटी जंगली बिल्ली पाई जाती है। स्थानीय भाषा में इसे स्याहगोश कहते हैं। इसे कैराकल (कैराकल कैराकल श्मित्ज़ी)  के नाम से भी जाना जाता है। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि देशभर में इनकी संख्या महज 50 ही बची है और वो भी देश के पश्चिमी हिस्से में। लंबे गुच्छेदार कानों और लाल-भूरे या रेतीले-भूरे रंग के फर के लिए प्रसिद्ध कैराकल गंभीर...

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देश में वनों की स्थिति: बढ़ रहा है पौधारोपण और घट रहे हैं वन

मोंगाबे हिंदी, 14 सितम्बर भारत सरकार ने हाल ही में वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर) जारी किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो साल पहले की तुलना में देश के वन क्षेत्र में 2,261 वर्ग किलोमीटर (किमी) की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, यह दावा कठघरे में हैं और इस विषय के जानकार रिपोर्ट बनाने के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं। इन जानकारों का आरोप है कि वन क्षेत्र...

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जम्मू-कश्मीर में बढ़ते राजमार्ग और सड़क दुर्घटनाओं में जानवरों के मरने की बढ़ती घटनाएं

मोंगाबे हिंदी, 21 अगस्त सितंबर 2011 में, जम्मू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेन एनवायरनमेंट (आईएमई) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सियार के एक जोड़े को मरा हुआ पाया। वन्यजीव शोधकर्ता नीरज शर्मा आईएमई की उस टीम का हिस्सा थे, जो उस दिन फ़ील्ड सर्वेक्षण के लिए निकली थी। उन्होंने कहा, “अफसोस की बात है कि मादा सियार गर्भवती थी। यह घटना मुझे परेशान करती रही। अगले...

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वन (संरक्षण) संशोधन बिल-2023 से उपजी बहस का लेखाजोखा

2 अगस्त को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी वन (संरक्षण) संशोधन बिल, 2023 पारित हो गया। यह बिल वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करेगा। इस बिल को 2023 के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया था। तब इस बिल को लोकसभा अध्यक्ष ने ‘संयुक्त संसदीय समिति’ के पास भेज दिया था। समिति ने मूल मसौदे को यथावत रखा; उसमें किसी भी तरह के बदलाव की सिफारिश नहीं की।  लेकिन,...

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अरावली की 50 हजार एकड़ जमीन प्राइवेट कंपनियों के हाथों में देने की तैयारी!

गाँव सवेरा, 22 मई सरकार की ओर से पेश किए गए वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 को राज्य के जंगलों के लिए आत्मघाती बताते हुए पर्यावरणविदों ने इसे वापस लेने की मांग की है. लोकसभा की संयुक्त संसदीय समिति को भेजी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि नये विधेयक के जरिये अरावली की 50 हजार एकड़ जमीन का कमर्शियल यूज के लिए रास्ता खोलने की तैयारी है. वहीं...

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