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अनहेल्दी सीक्रेट्स - क्यों जरूरी है पीएम केयर्स फंड की जांच

-कारवां, आजादी के बाद देश के सभी बड़े शहरों में पाकिस्तान से आने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों की संख्या हर बीतते दिन बढ़ रही थी. जवाहरलाल नेहरू उस समय देश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे और उनके आधिकारिक आवास तीन मूर्ति भवन में भी लोगों की भीड़ लगी रहती. नेहरू के निजी सचिव रहे एम. ओ. मथाई अपनी किताब रेमनिसंस ऑफ दि नेहरू ऐज में नेहरू की एक आदत...

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बीजेपी के जातिवाद से लड़ने के चलते मुझे पेगासस का निशाना बनाया गया : कोवई रामकृष्णन

-कारवां, 27 जुलाई को एक अंतरराष्ट्रीय जांच के हिस्से के रूप में दि वायर ने खुलासा किया कि कोवई रामकृष्णन का फोन नंबर उन 50000 फोन नंबरों में से एक है जिसकी इजरायली कंपनी एनएसओ के सॉफ्टवेयर पेगासास के जरिए जासूसी की जा रही है.पेगासस मैलवेयर है जो हैकर को फोन तक पहुंचने और उसकी निगरानी करने देता है. लीक हुए डेटाबेस फ्रांसीसी गैर-लाभकारी मीडिया संगठन फॉरबिडन स्टोरीज को प्राप्त हुआ था....

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बिना पैसे और दस्तावेज़ों के कोविड-19 की जंग लड़ रहे हैं रोहिंग्या शरणार्थी

-न्यूजक्लिक,  दिल्ली के कई शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों के पास न तो इलाज के लिए पैसा है और न ही कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिए दस्तावेज हैं जिससे महामारी के इस दौर में जीवित रहने के लिए वे खुद ही संघर्ष कर रहे हैं। सरकार ने उन लोगों के लिए जांच और टीकाकरण के दिशा निर्देशों को आसान बनाया है जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं है लेकिन कई...

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शरणार्थी शिविरों से लोगों को उठाती दिल्ली पुलिस, खौफ में रोहिंग्या शरणार्थी

-कारवां, 31 मार्च की सुबह दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने दिल्ली के कालिंदी कुंज शरणार्थी शिविर से एक रोहिंग्या परिवार के चार लोगों को उठा लिया. इनमें 70 वर्षीय सुल्तान अहमद, उनकी 45 वर्षीय पत्नी हलीमा और उनके दो बेटे, 28 वर्षीय नूर मोहम्मद और 19 वर्षीय उस्मान, थे. एक हफ्ते पहले पुलिस ने इसी तरह छह लोगों के एक परिवार को हिरासत में ले लिया था. कालिंदी कुंज शिविर के...

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लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक

-न्यूजक्लिक, जब कभी भी लोकतंत्र का अपने घर में घेराव होता है, लोकतंत्र के हिमायती, उससे प्रेम करने वाले लोग नैतिक समर्थन पाने के लिए अपनी परिधि के पार देखने लगते हैं। अभी-अभी विश्व सूचकांक में स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट जारी हुई है, और इसलिए कोई हैरत नहीं कि इसने भारत में लोकतंत्र को चाहने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह विश्व सूचकांक अमेरिका की 80...

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