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कोरोना महामारी ने मनरेगा के सामाजिक ऑडिट सिस्टम को प्रभावित किया है!

जब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) - एक मांग-संचालित कार्यक्रम पर सार्वजनिक धन का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है, तो वित्तीय गड़बड़ी और कुप्रबंधन की संभावना होती है. शुक्र है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए चेक और बैलेंस मौजूद हैं. यह ध्यान देने योग्य है कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) के तहत 2020-21 के लिए...

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प्रधानमंत्री के गोद लिए गांव की रिपोर्टिंग को लेकर स्क्रोल की पत्रकार सुप्रिया शर्मा पर एफआईआर

-सत्याग्रह,  कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव की स्थिति पर रिपोर्ट करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार सुप्रिया शर्मा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ की है. यह एफआईआर 13 जून को वाराणसी के रामपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज़ हुई है. सुप्रिया शर्मा हमारी सहयोगी न्यूज़ वेबसाइट स्क्रोल डॉट इन की कार्यकारी संपादक हैं. पुलिस के मुताबिक उनके ख़िलाफ वाराणसी के डोमरी गांव की रहने...

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बिहार में पीडीएस का हाल, मांगा अनाज, मिली जेल

-बीबीसी,  बीती 7 जून को बिहार के अरवल के अनुमंडल कार्यालय में राशन कार्ड बनाने और उसका सत्यापन करवाने के लिए भीड़ उमड़ी थी. हज़ारों की इस भीड़ के लिए सरकारी 'सोशल डिस्टैंसिंग' की बात बेमानी थी. राशन कार्ड के लिए लाइन में सबा परवीन भी खड़ी थी. इस कोरोना कॉल में उनके लिए सरकारी खाद्यान्न सहायता अब जीने-मरने का सवाल बन चुकी है. जीने-मरने का ये सवाल सिर्फ़ अरवल जिले के लोगों के...

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रंजन गोगोई इंटरव्यू: फैसले के बदले मुझे कुछ लेना ही होता तो महज....

-इंडिया टूडे, देश के प्रधान न्यायाधीश के पद से रिटायर होने के महज चार महीने बाद ही राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत राज्यसभा सदस्यता की 19 मार्च को शपथ लेकर रंजन गोगोई ने अच्छा-खासा विवाद खड़ा कर दिया. विपक्षी नेताओं और कई न्यायविदों ने नैतिकता का सवाल उठाकर आरोप लगाया कि यह पद पर रहते हुए मोदी सरकार के पक्ष में दिए गए कई फैसलों के बदले गोगोई को सीधे-सीधे पुरस्कृत...

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लॉकडाउन चेकअप: सर्वेक्षण ने झारखंड सरकार के राहत योजनाओं में गंभीर खामियां उजागर की

- भोजन का अधिकार अभियान, झारखण्ड, अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में भोजन के अधिकार अभियान, झारखंड के सदस्यों ने राज्य के मूल जन सुविधाओं (जैसे राशन दुकान, आंगनवाड़ी, बैंक, दाल-भात केंद्र, आदि) की स्थिति का एक सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण में पाए गए तथ्यों का एक संक्षिप्त सारांश संलग्न है. 19 ज़िलों के 50 प्रखंड से प्रेक्षकों ने फ़ोन के माध्यम से अपने क्षेत्र की जानकारी दी. स्थिति काफी चिंताजनक है: इस संकट...

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