-लल्लनटॉप, लॉकडाउन 3 मई के आगे दो हफ्तों के लिए बढ़ा दिया गया है. अब देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन रहेगा. दूसरे चरण का लॉकडाउन तीन मई को खत्म हो रहा है. इसके बाद चार मई से लॉकडाउन 3.0 शुरू होगा. गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इसमें देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन में बांटा गया है. रेड ज़ोन में क्या छूट, क्या पाबंदियां होंगी,...
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हजारों खाली फ्लैट और बेघर लोग- सुभाष गाताडे
देश में तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण और नये-नये इलाकों में आप्रवासियों के लिए बनते नये उपनगरों में अनुमान के हिसाब से लोगों के न पहुंचने से वहां बिल्कुल खाली पड़े लाखों मकानों के बारे में अक्सर चर्चा होती है. कहा जा रहा है कि चीन में पचास से अधिक ऐसे इलाके हैं, जहां नवनिर्मित आवासीय इकाइयां लगभग खाली पड़ी हैं. विडंबना ही है कि अब भारत में भी...
More »बिहार : स्कूलों का टर्न ओवर 400 करोड़ के पार, हो रही मोटी कमाई
पटना : राजधानी में स्थित प्राइवेट स्कूलों का सालाना कारोबार करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक का होता है. इसमें यहां सीबीएसई व सीआईएससीई से संबद्ध करीब 50 जाने-माने स्कूल हैं, जहां एडमिशन की मारामारी रहती है. इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 1.50 लाख के करीब है. मंथली फीस के अलावा स्कूलों में हर साल नये एडमिशन और विभिन्न कक्षाओं में प्रमोट होनेवाले विद्यार्थियों से भी अलग-अलग मद में...
More »आंकड़ों की हवस के मायने-- डा. गोपाल कृष्ण
गार्जियन और न्यूयॉर्क टाइम्स के मार्च 17 के फेसबुक घोटाले के खुलासे के बाद अमेरिकी कंपनी फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग को पिछले दो दिनों में 58,500 करोड़ रुपये के नुकसान, ब्रिटिश कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्यूनिकेशन लेबोरेटरीज की इकाई कैंब्रिज एनालिटिका की मानवीय आकड़ों की हवस, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्राध्यापक एलेक्जेंडर कोगन की अनैतिकता की पराकाष्ठा और चुनावी लोकतंत्र में किसी भी हद तक जाकर सफलता पाने की लालसा...
More »प्रसंगवश : संभावनाओं से भरे खेतों को बाजार से जोड़ना जरूरी
मौसम रूठा, बादलों से ओले बरसे और देखते ही देखते मध्यप्रदेश के एक हिस्से की फसलें जमीन पर जा गिरीं! यहां सरकार की मजबूरी समझी जा सकती है, लेकिन उसी दौरान दूसरे इलाके के खेतों में बंपर पैदावार की वजह से भाव नहीं मिले और किसान सड़कों पर टमाटर फेंकते, खेतों से पौधे उखाड़ते नजर आए! यह हर हाल में अस्वीकार होना चाहिए, किसान को भी और सरकार को भी!...
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