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जिस मंडी टैक्स की मंत्री और भाजपा नेता आलोचना कर रहे, उसे वित्त मंत्रालय ने ज़रूरी बताया था

-द वायर, केंद्र के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन के बीच राज्य की कृषि मंडियों में लगने वाले टैक्स को लेकर काफी विवाद खड़ा हुआ है. सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं एवं मंत्रियों ने नए कानूनों का समर्थन करने के लिए समय-समय पर मंडी टैक्स की आलोचना की है और नए कानून की विशेषताओं को गिनाते हुए इसके तहत इससे निजात दिलाने की बात की है. विरोध प्रदर्शनों में...

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जीएसटी पर मोदी सरकार का यू-टर्न, राज्यों से टकराव क्या हो गया ख़त्म?

-बीबीसी, भारत में कोरोना लॉकडाउन के दौरान गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी से राज्यों को मिलने वाले राजस्व में भारी कमी आई थी. पिछले कई महीनों से इसकी भरपाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तकरार चल रही है. विवाद का विषय ये था कि राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए क़र्ज़ कौन लेगा? केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार? 13 अक्तूबर को केंद्र सरकार ने कहा कि...

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“टेक्नोलॉजी ने गांव-शहर की खाई पाट दी”

-आउटलुक, “सोनीपत के गन्नोर तहसील के गांव तेवड़ी के किसान परिवार में 1991 में जन्मे 29 वर्षीय प्रदीप को उम्मीद नहीं थी कि इस परीक्षा में पहला स्थान पाएंगे” चार अगस्त की सुबह संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा-2019, के नतीजे का दिन आया, तो प्रदीप सिंह मलिक के पिता सुखबीर सिंह मलिक हर रोज की तरह खेत में थे। प्रदीप ने उन्हें फोन कर नतीजे के बारे में बताया...

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‘आत्मनिर्भर भारत’: सरकार द्वारा जनता की जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने का बहाना?

-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के कारण एक ओर देश की सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भरता की घोषणा के द्वारा जनता के प्रति कई जवाबदेहियों से अपने को मुक्त कर लिया है जिसके चलते सभी क्षेत्रों में घोर निराशा का वातावरण छाया हुआ है. आर्थिक मोर्चे पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले तथा...

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पर्दे के पीछे, ‘मिशन आत्मनिर्भर’ की कठपुतली बड़ी कंपनियों की उंगलियों पर थिरकने लगे

-इंडिया टूडे, अब केवल दो कंपनियों की मोबाइल सेवा चलती है. हवाई यात्रा से बेबी फूड तक और मक्खन से लेकर म्युचुअल फंड तक बाजार में एकाधिकार जम गए हैं. उपभोक्ताओं के पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं. मोबाइल फोन पर मई, 2025 की कोई तारीख दिख रही है. नौकरी की चिंता में मुश्किल से सो पाया, वरुण चौंककर जग गया. आत्मनिर्भरता की आवाजों के बीच बाजार पर एकाधिकार या कार्टेल का खतरा मंडरा...

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