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बिहार में जल अधिकार कानून की जरूरत-राजेन्द्र सिंह

बिहार में जल अधिकार कानून की जरूरत है। लोगों के जलाधिकार को जल सुरक्षा में बदला जा सकेगा। यह बात जलपुरुष राजेन्द्र सिंह ने जेपी द्वारा स्थापित ग्राम निर्माण मंडल, सर्वोदय आश्रम में जल-संकल्प यात्रा के समापन के अवसर पर कही। आश्रम नवादा जिला के कौआकोल प्रखंड के सेखोदेवरा गांव में स्थित है। यात्रा का आरंभ चंपारण में गांधीजी द्वारा स्थापित भितिहरवा आश्रम से 15 अप्रैल को हुआ था। चंपारण...

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जलवायु संकट के सबक-- अरुण तिवारी

पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत' कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह...

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स्कूली शिक्षा और कोर्ट का फैसला- योगेन्द्र यादव

इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले के दो दिन बाद मेरे पास इमेल से एक अनजाने व्यक्ति की चिठ्ठी आयी. लिखनेवाली महिला कभी उत्तर प्रदेश सरकार में काम कर चुकी थीं, आजकल विदेश में हैं. चिठ्ठी बड़ी ईमानदारी और शालीनता से लिखी गयी थी. चिठ्ठी में उन्होंने पूछा कि हमने और स्वराज अभियान से जुड़े साथियों ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के उस फैसले का स्वागत क्यों किया, जिसमें सभी सांसदों, विधायकों, सरकारी अफसरों सहित...

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गांधी, गांव और इश्तहार- चंदन श्रीवास्तव

बड़ा फर्क है गांधी और आंबेडकर की सोच में बसे गांव के बीच. गांधी के गांव में हिंसा है ही नहीं. गांधी की कल्पना में बसते गांव में भूमिहीन और भूस्वामी बिना झगड़े के रहते हैं. गांधी से किसी ने पूछा- बताइए, गांव के भूमिहीन और भूस्वामियों के बीच कैसे बराबरी स्थापित होगी? उनका जवाब था- भूस्वामी स्वयं ही अपनी भूमि पर दावा छोड़ भूमिहीनों की मदद के लिए आगे...

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गुजरात मॉडल की असलियत- कृष्ण स्वरुप आनंदी

जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...

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