जनचौक, 24 जुलाई एकबारगी ऐसा लग रहा है कि समूचा पंजाब डूबने को है। गांवों, कस्बों और शहरों के कुछ हिस्सों में भरे हुए पानी को देखकर लगता है कि हम सागर में खड़े हैं। शनिवार पूरा दिन मूसलाधार बारिश होती रही और उसने सतलुज, रावी, ब्यास, उज्ज और घग्गर दरिया को खतरे के निशान से भी ऊपर ला दिया। साथ लगते जो गांव बचे हुए थे, उनमें भी पानी घुस...
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जलवायु हॉटस्पॉट: गर्म होता अरब सागर, गुजरात के पश्चिमी तट के मछुआरों की आजीविका पर संकट
इंडियास्पेंड, 22 जून पोरबंदर के राकेश कुमार, वेरावल के धर्मेश गोयल और द्वारका के इस्माइल भाई, एक ही राज्य के अलग-अलग जिलों के इन तीनों के बीच कई समानताएं हैं। मसलन कि ये समुद्री मछुआरे हैं, हाल के वर्षों में बदले मौसम के मिजाज से परेशान हैं और कई पीढ़ियों से चली आ रही मछली पकड़ने की परंपरा को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। “आज से पांच साल पहले तक कि...
More »बिपरजॉय के खतरे झेल रहे भारत और पाकिस्तान को जलवायु तबाही से निपटने के लिए हर हाल में मिलजुल कर काम करना चाहिए
द थर्ड पोल, 14 जून भारत में गुजरात और पाकिस्तान में सिंध, दोनों जगहों पर, इस समय, वहां के आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। इसकी वजह है, चक्रवात बिपरजॉय। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को, वहां से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। अलर्ट जारी है। चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए आश्रयों को चिह्नित किया जा रहा है। दरअसल, जलवायु परिवर्तन के लिहाज़ से...
More »ये 'अल–नीनो' क्या बला है?
एक अनुमान की माने तो वर्ष 2023 अल–नीनो की आगोश में आ जाएगा।अल–नीनो का संयोग भारत के लिए अशुभ माना जाता है।क्योंकि अल–नीनो के कारण कई बार बारिश की मात्रा में गिरावट आ जाती है; हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों की उम्मीदों पर अल–नीनो तुषारापात करता है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि अल–नीनो नाम की बला है क्या? आज का लेख उसी के नाम! अल–नीनो का प्रभाव मानसून और महासागर की...
More »मौसम की मार से फसल बर्बाद होने के बावजूद मुआवजे से वंचित भूमिहीन किसान
मोंगाबे हिंदी, 24 फरवरी उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के तुरकौली गांव में रहने वाले 64 वर्षीय किसान राम सागर की अक्टूबर 2022 में भारी और बेमौसम बारिश के कारण साढ़े तीन एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई थी। इसी गांव में रहने वाले 42 साल के जाबिर अली का हाल भी कुछ ऐसा ही था। उनके एक एकड़ जमीन पर लगा धान बारिश की वजह से पूरी तरह खराब...
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