SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 35

बिहार में कोविड-19 महामारी की कमजोर तैयारी से गहराता स्वास्थ्य संकट

-कारवां, 16 जुलाई तक बिहार में कोविड-19 मामलों की संख्या दोगुनी होकर 20612 तक पहुंच गई थी. संक्रमित लोगों में राज्य और राजनीतिक प्रतिष्ठान के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल है जिसके चलते महामारी को लेकर राज्य की प्रतिक्रिया धीमा हो रही है. यह तब है जब परीक्षणों के मामले में राज्य सबसे कम परीक्षण करने वाले राज्यों में गिना जा रहा है. परीक्षण का राष्ट्रीय औसत 9289 प्रति 10 लाख है...

More »

नेपाल से तनाव के बीच क्या बदल जाएगा सीमा के आर-पार रहे लोगों का रिश्ता?

-न्यूजलॉन्ड्री, 12 जून को लगन राय को नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ, बोलचाल की भाषा में उन्हेंने पाली पुलिस कहकर संबोधित किया जाता है) ने बंधक बना लिया था. लगन राय उस रोज़ की घटना को याद करते हुए बताते हैं कि वे जानकी नगर-नारायणपुर बॉर्डर पर अपनी बहू और पोता-पोती को समधन (बहू की मां) से मिलवाने गए थे. नेपाल पुलिस ने उन लोगों को रोकने की कोशिश की. उसी...

More »

धारावी: मुंबई के हॉटस्पॉट में कोरोना कंट्रोल की कहानी

-द क्विंट, जब अप्रैल और मई में धारावी में हर दिन एक मौत और दो दर्जन से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस लगातार सामने आ रहे थे, तब यह महाराष्ट्र सरकार के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया था. हालांकि अब यहां स्थिति में थोड़ा सा सुधार होने लगा है. कोविड-19 के इस हॉटस्पॉट धारावी से जून के पहले हफ्ते में कोरोना से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया. मई 2020...

More »

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच क्वारंटीन सेंटर क्यों बंद कर रही है बिहार सरकार?

-द वायर, बिहार सरकार ने 15 जून तक बिहार में संचालित हो रहे सभी क्वारंटीन सेंटर्स को बंद करने की घोषणा की है. बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कंटेनमेंट जोन में जो क्वारंटीन सेंटर हैं, वे पूर्ववत ही चलेंगेे, लेकिन अन्य क्वारंटीन सेंटर बंद कर दिए जाएंगे. इससे पहले 31 मई को बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय ने सभी जिलों...

More »

पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?

-डाउन टू अर्थ,  डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। उन्होंने इस दौरान भयावह हकीकत को जाना और समझा। वे गांव की ओर जा रहे या पहुंच चुके प्रवासियों की पीड़ा जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे कभी अब शहर की ओर रुख करने की हिम्मत भविष्य में जुटा पाएंगे? उनके इस सफर को...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close