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सौर पैनलों से चौंध का खतरा, स्वच्छ ऊर्जा की ओर रुख करने वाले हवाई अड्डों के लिए सुरक्षा की चिंता

मोंगाबे हिंदी, 8 नवम्बर  मार्च की शुरूआत में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने घोषणा की थी कि वह 2024 तक अपने सभी हवाई अड्डों पर 100 फीसदी नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करने लगेगा। एएआई भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जिसके पास हवाई अड्डों के रखरखाव और संचालन का जिम्मा है। यह जिन 137 हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है, उनमें से पहले ही 38 हवाई अड्डों पर 40...

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आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट

मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक आर्थिक मुद्दों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर एक थीम-आधारित वार्षिक रिपोर्ट है। इस साल की रिपोर्ट नीतिगत प्राथमिकता के रूप में जलवायु लक्ष्यों पर जोर देती है और भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यापक-वित्तीय परिणामों...

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खुले में शौच मुक्त का सरकारी दावा: हकीकत या फसाना

डाउन टू अर्थ, 13 जुलाई  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेन्स फंड (यूनिसेफ) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की ग्रामीण आबादी का कम से कम एक-छठा हिस्सा अब भी खुले में शौच करता है और एक-चौथाई के पास स्वच्छता की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है। 2 अक्टूबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया था। महात्मा गांधी की...

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एनएसएसओ का सर्वे: केवल 49.8 % परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं

ग्रामीण भारत के केवल 49.8 प्रतिशत परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं। 46.7 प्रतिशत ग्रामीण परिवार खाना पकाने के लिए लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों के 6.5% परिवारों में खाना पकाने के लिए लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। अगर बात करें पीने के पानी की तो केवल 39.1 प्रतिशत परिवारों के पास ही आवास के भीतर पीने के पानी की...

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गन्ना फसल में पानी की खपत भारत के इथेनॉल लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी चुनौती

29 मार्च, मोंगाबे हिंदी पिछले साल 2 नवंबर को, केंद्र ने अपने इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) के तहत 1 दिसंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 तक विभिन्न गन्ना-आधारित कच्चे माल से प्राप्त इथेनॉल के लिए नई उच्च कीमतों को मंजूरी दी थी। यह इथेनॉल आपूर्ति वर्ष मौजूदा चीनी सीजन के साथ मेल खाता है। केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस उच्च कीमत को मंजूरी देते हुए अपनी...

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