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ग्राउंड रिपोर्ट: पिछले 122 सालों में सबसे विनाशकारी बाढ़, उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश में बाढ़ की दूसरी लहर से 40 लाख से ज्यादा प्रभावित

गाँव कनेक्शन, 6 जुलाई बाढ़ ने एक बार फिर बांग्लादेश को प्रभावित किया है। यहां 70 लाख से ज्यादा लोगों को खाद्य आपूर्ति, आश्रय और बाढ़ राहत की तत्काल जरूरत है। देश का उत्तर-पूर्वी डेल्टा क्षेत्र, खासतौर पर सिलहट, सबसे बुरी तरह प्रभावित है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें याद नहीं कि कभी इससे पहले उन्होंने ऐसी विनाशकारी बाढ़ देखी हो। देश इस साल मई से बाढ़...

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कोविड-19 : 70 रुपए की दवा मिल रही 40 हजार में, मजबूरों को लूट रहीं सरकार और फार्मा कंपनी?

-कारवां,  जिस तेजी के साथ कोरोनावायरस महामारी देश के कोने-कोने फैलती जा रही है उसे देखते हुए कह सकते हैं कि अगले कुछ हफ्तों में भारत को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. अप्रैल और मई में नरेन्द्र मोदी सरकार की परीक्षण पर प्रतिबंधित की नीति ने महामारी को बढ़ा दिया है और जुलाई आते-आते देश के अस्पतालों को इसका सबसे बुरा प्रकोप झेलना पड़ रहा है. जून में कोरोनोवायरस...

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आप्रवासियों और शरणार्थियों की संख्या को लेकर फैलाए गए भ्रमों और तथ्यहीन कुतर्कों को खारिज करते आंकड़ें

विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्रोतों के आंकड़ें आप्रवासियों और शरणार्थियों की संख्या को लेकर फैलाए गए भ्रमों और तथ्यहीन कुतर्कों को खारिज करते हैं.   अनेकों मीडिया रिपोर्टें यह खुलासा करती हैं कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRIC), जिसे देशभर में लागू किए जाने की उम्मीद है, के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में डिटेनशन सेंटर बनाए जा रहे हैं. हालांकि मीडिया के सामने सरकार एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के बीच किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार कर रही है,...

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आर्थिक महाशक्ति भारत दुनिया के सबसे भूखे देशों की लिस्ट में क्यों

सरकार विभिन्न प्रकार की सामाजिक योजनाएं चलाकर मीडिया के माध्यम से देश के अंदर भले ही वाहवाही लूट ले, लेकिन, सामाजिक विकास के मामले में ज़मीनी हकीकत दिन-प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है. इस बात की पुष्टि इसी माह जारी ग्लोबल हंगर (भुखमरी) इंडेक्स ने की है, जिसके अनुसार भारत अपने पिछले साल की रैंकिंग की तुलना में इस साल और निचले पायदान पर खिसक गया है. पिछले साल (2018) 132...

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खुले में शौच: जरुरी है कि आदत भी बदले

‘पहले शौचालय तब देवालय'- परस्पर प्रतिस्पर्धी खेमों के दो राजनेता, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश कम से कम एक बात पर सहमत हैं। और इसी सोच के अनुकूल दोनों ने अपने तईं युद्धस्तर पर शौचालय के निर्माण के लिए निवेश की योजना बनायी। लेकिन, प्रोफेसर डीन स्पीयर्स के नेतृत्व में नामचीन अर्थशास्त्रियों के एक समूह द्वारा प्रस्तुत अध्ययन का निष्कर्ष है कि नये शौचालयों का...

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