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अर्थव्यवस्था पर 'भारी' मोटापा

रोम। मोटापा और कुपोषण दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहे हैं। इसके लिए जंक फूड सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने यह चेतावनी जारी की है। एफएओ ने कहा है कि मोटापे से होने वाली जटिल बीमारियों पर हर साल लगभग 1.4 लाख करोड़ डॉलर खर्च हो रहे हैं। सरकारें स्वास्थ्य पर निवेश करके बड़े आर्थिक और सामाजिक नतीजे हासिल कर सकती हैं।...

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अर्थशास्त्र की ऊंची मीनार से कुपोषण मिटाने की यह कवायद....

भारतीयों को विवाद-प्रिय माना जाता है और हमारी यह विवादप्रियता एक बार फिर से उठान पर है ! गरीबी-रेखा और गरीबों की तादाद के बारे में लंबे समय तक वाक्युद्ध में उलझे रहने के बाद, प्रसिद्ध अनिवासी भारतीय(एनआरआई) अर्थशास्त्रियों ने एक बार फिर से विवाद छेड़ा है कि भारत में कुपोषण का विस्तार कितना है। पहले योजना आयोग ने गरीबों की संख्या को कागजी तौर पर घटाने की कोशिश की...

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नक्सली इलाके में आज भी बच्चियों की किलकारियों की गूंज से सूने हैं कान!

रायपुर. नई जनगणना में चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं। छत्तीसगढ़ में बच्चियों की संख्या कम हो रही है। शून्य से छह आयुवर्ग में प्रति हजार लड़कों के पीछे ९६९ बच्चियां हैं, जबकि बीस साल पहले यह संख्या ९८४ थी। हालांकि एक दशक में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का अनुपात जरूर बढ़ा है।    नई जनगणना के अनुसार महिला-पुरुष का अनुपात 10 सालों में 989 से बढ़कर 991 प्रति हजार हो गया...

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बाल विवाह की समाजिक बुराई पर युवाओं की एक पहल- रेणुका पामेचा

ममता 17 साल की है। वह अन्य लड़कियों के साथ पिता के साथ रहती है परंतु अपने पिता से उसका रिश्ता काफी कठिन दौर में है क्योंकि ममता ने अपने बाल विवाह को रुकवाने के लिए दो बार पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। 13 मई 2013 को होने वाली शादी भी रुकवाई। ममता ने आगे पढ़ाई जारी रखने का पक्का इरादा बना रखा है। वह पिता के दबाव में नहीं...

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जन्म देना भी यहां मौत से खेलना है ।।पुष्यमित्र।।

झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर अबूबकर सिद्दीकी से जब झारखंड की सेहत का हाल पूछा जाता है तो वे भवनों का अभाव और मैन पावर की कमी का रोना लेकर बैठ जाते हैं. निश्चित तौर पर गांवों और प्रखंड मुख्यालयों में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का न होना एक बड़ी समस्या है जो झारखंड के ग्रामीणों को सरकारी चिकित्सा व्यवस्था से दूर करते हैं और एक बड़ी आबादी ओझा और...

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