रायपुर (निप्र)। 13 साल की एक बच्ची दादा को वाकर के सहारे चलता देख कुछ ऐसा कर गई, जो दूसरों के लिए मिसाल बन गया। दादा की तकलीफों को देख पटना की शालिनी के दिमाग में औरों की तकलीफ दूर करने के लिए एडजेस्टेबल वॉकर का आइडिया 2011 में आइडिया आया और आज यह वॉकर बन कर तैयार है। इस वॉकर के आइडिए के लिए शालिनी को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल...
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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में- रविभूषण
मुक्तिबोध और फैज जैसे कवियों ने जब ‘अभिव्यक्ति के खतरे उठाने' और ‘बोल कि लब आजाद हैं तेरे' का आह्वान किया था, वे राज्यसत्ता के चरित्र और उसके द्वारा समय-समय पर लगायी गयी पाबंदियों से भली भांति परिचित थे. मुक्तिबोध ने तो नहीं, पर फैज ने राज्यसत्ता के दमन को ङोला भी था. अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने का काम सर्वसत्तात्मक और एकदलीय शासन प्रणाली मनमाने ढंग से करती...
More »हमसे स्कूल मत छीनो - निवेदिता
मेरा शहर निहायत बदसूरत है। एक ऐसा शहर जहां पेड़-पौधे नहीं हैं, बाग नहीं हैं और जहां मौसम का फर्क सिर्फ आसमान में नजर आता है। उसके बावजूद कुछ है जिसने घोर दुखों के बीच जीवन को बनाए रखा है, सपने मरने नहीं दिए और जिसने लजाते सौंदर्य का उसकी खोह तक पीछा किया। सबसे अहम बात है जिंदगी के पक्ष में खड़ा रहना, अपनी दुनिया की बेहतरी के लिए...
More »शिक्षा के क्षेत्र में डराते संकेत - संजीव कुमार
अधिक समय नहीं हुआ, भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का बयान आया था कि रोमिला थापर और बिपन चंद्र जैसे नेहरूवादी इतिहासकारों की किताबों को जला देना चाहिए। इस बयान की बड़ी चर्चा और निंदा हुई थी। पर थोड़ा ठहर कर सोचें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के पास ऐसी किताबों को जला देने, लुगदी बनवा देने, या बलप्रयोग करके इनकी बिक्री रुकवा देने के अलावा उपाय क्या है? क्या...
More »सुरक्षित प्रसव : महतारी एक्सप्रेस में भी गूंज रही हैं किलकारियां
योगेंद्र ठाकुर, जगदलपुर। सुरक्षित और संस्थागत प्रसव कराने वाली महतारी एक्सप्रेस में भी किलकारियां गूंज रहीं हैं। पिछले डेढ़ माह में संभाग में 70 से अधिक महिलाओं का प्रसव एंबुलेंस में हुआ। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने सहित मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने में महतारी एंबुलेस सेवा बस्तर में कारगर साबित हो रही है। संभाग में पिछले माह एंबुलेंस ने दो हजार से अधिक माता व शिशुओं को हॉस्पिटल पहुंचाया है। इस दौरान 70 से...
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