पिछले दिनों केंद्र्र सरकार ने कृषि लागत और मूल्य आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर 2011-12 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की। इस घोषणा में थोड़ी देरी अवश्य हुई है, पर किसानों के पास अब भी पर्याप्त समय है कि वे इन मूल्यों के आधार पर फसलों की बुवाई का निर्णय ले सकें। वर्तमान में कृषि उत्पादों की आवश्यकता एवं उत्पादन में गंभीर असंतुलन की वजह...
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सुनो, मध्य वर्ग की आहट -शशि भूषण
अन्ना हजारे, सिविल सोसाइटी, सरकार और सर्वोपरि संसद समाजशास्त्री व अर्थशास्त्री जो लोग इन बड़े समाचारों के बीच उनके भीतरी आशय जानना चाहते हैं, उनके के लिए ये सब बहस के मुद्दे हो सकते हैं, किंतु आम लोग, लोकपाल या जन लोकपाल में कुछ फर्क भी है, यह जानने की जरूरत नहीं समझते. उन्हें बस इतना पता चल गया है कि एक पर एक मंत्री एक से आला भ्रष्टाचार के नये कीर्तिमान...
More »राशन पर सरकारी डाका -- प्रशांत कुमार दुबे
सरकार अब राशन में खाद्यान्न की जगह नकद भुगतान करने जा रही है. इसका पायलट फेज दिल्ली की दो बस्तियों में प्रारंभ भी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को भी समाप्त करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने की साजिश तो वर्ष 1991 के बाद से ही शुरु हो...
More »काश! इन किसानों के लिए भी होते कोई प्रेमचंद
हाड़-तोड़ मेहनत कर उपजाई गई फसल को औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर -क्रय केंद्र के इंतजार में पथरा गई आंखें, विशेष परिस्थिति में दे दिया बिचौलिए को अजय रत्न, मुजफ्फरपुर : बोचहां प्रखंड के सनाठी गांव निवासी केदार सहनी व बिंदेश्वर राय को क्या मालूम था कि उन्हें अपनी सोने सी फसल बिचौलिए के हाथ औने-पौने दाम पर बेच देनी होगी। केदार को पत्नी की अचानक मौत व बिंदेश्वर को माता...
More »बोनस के चक्कर में दूसरे राज्यों का गेहूं बिक रहा मप्र में
जागरण ब्यूरो, भोपाल/ग्वालियर। बोनस की राशि लेने के चक्कर में सीमावर्ती राज्यों के व्यापारी भी अपना गेहूं मध्यप्रदेश की मंडियों में खपा रहे हैं। यह खेल मंडी और खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर पीडीएस का गेहूं भी इन मंडियों में बेचे जाने के मामले सामने आए हैं। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर सौ रुपये का...
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