महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिली है। एक विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज ऐंड ओसिएन स्टडीज (केयूएफओएस) के अध्ययन के मुताबिक, योजना के अंतर्गत काम कर रहे 97.3 फीसदी कामगार महिलाएं हैं। यह अध्ययन अलपुझा जिले में मनरेगा योजना के प्रभाव के आकलन के तहत किया गया है।केरल...
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अर्थशास्त्रियों ने की प्रधानमंत्री से गुजारिश, मनरेगा के प्रावधानों को कमजोर न किया जाए
नई दिल्ली: देश के कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा) के प्रावधानों को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम के जरिये लाखों गरीबों को आर्थिक सुरक्षा मिली है। प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र पर दस्तखत करने वालों में दिलीप एब्रेयू (प्रिंसटन विश्वविद्यालय), प्रणब बर्धन (कैलिफोर्निया बर्कली विश्वविद्यालय), वी भास्कर (ऑस्टिन में टेक्सस विश्वविद्यालय), ज्यां द्रेज (अतिथि प्रोफेसर, रांची विश्वविद्यालय),...
More »नरेगा : प्रधानमंत्री के नाम गणमान्य नागरिकों की चिट्ठी
सेवा में, 13 अक्तूबर 2014 श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री, भारत ...
More »मनरेगा पर नयी सरकार की सोच - चंदन श्रीवास्तव
किसी एक को या कुछ एक को मिले तो वह ‘दान' या फिर ‘उपहार' कहला सकता है, अधिकार नहीं. देनेवाले ने दया-दृष्टि से दिया तो ‘दान' और अगर चुनने-छांटने के मामले में अपने को आजाद मान कर दिया, तो ‘उपहार'. अधिकार न तो ‘दान' होता है और ना ही ‘उपहार', वह एक गुण की तरह है. जैसे दाल में नमक डालने से दाल के कण-कण नमक से भींग जाते हैं,...
More »मनरेगा - क्या जीविका के अधिकार को सीमित किया जा सकता है?
राजनीति का सामान्य विद्यार्थी जानता है कि अधिकार अपने स्वभाव में सार्विक होते हैं। लेकिन क्या वह यह अनुमान लगा सकता है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई कोई सरकार अपने बहुमत के बूते किसी सार्विक अधिकार का दायरा चंद लोगों तक सीमित कर सकती है ? महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फेरबदल की केंद्र सरकार की हालिया योजना जीविका के सार्विक अधिकार का दायरा सीमित करने की...
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