जनसत्ता 24 दिसंबर, 2011 : आजादी के बाद आदिवासी ने क्या हासिल किया, इस विषय पर राजस्थान के बूंदी में दो दिन की चर्चा थी। इस अवसर पर किसी वक्ता ने यह नहीं कहा कि अंग्रेजों के जाने के बाद आदिवासियों की जीवन-दशा में किसी किस्म का बुनियादी बदलाव आया है। फिर आदिवासियों की उम्मीद और इस व्यवस्था के प्रति भरोसे को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में...
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मगध में मुरदहिया सन्नाटा- निराला(तहलका, हिन्दी)
बिहार के मगध क्षेत्र में इंसेफलाइटिस पिछले तीन महीने से अमूमन हर रोज एक बच्चे की जान ले रहा है. जो बच्चे बच जा रहे हैं उन्हें बाकी जिंदगी अपंगताओं के साथ गुजारनी होगी. लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन और कथित समाजसेवी संस्थाएं आंखें मूंदे बैठे हैं. निराला की रिपोर्ट पिंकी की उम्र आठ-नौ साल होगी. गया-पटना रोड पर स्थित रसलपुर गांव की रहने वाली है. उसके सामने जाते ही उसकी...
More »दलितों को पंचायती जमीन से खदेड़ा : बलविंदर कुमार
जालंधर। हलका जालंधर कैंट में पड़ते गांव रहमानपुर में पंचायती जमीन से खदेड़े गए दलित परिवारों का जीवन मुश्किल हो गया है। रहमानपुर गांव के दो दर्जन से ज्यादा दलित परिवार पिछले 20 वर्षो से गांव की पंचायती जमीन पर पशु बांधते आ रहे थे। जिन्हें जिला विकास व पंचायत विभाग के अधिकारियों ने डीसी की अनुमति से वहां से खदेड़ दिया। विभाग डिच लेकर पहुंचा था और इस कार्रवाई में पंचायती...
More »दलितों के 8.000 करोड़ रु. हजम कर गई सरकार
जयपुर. सरकार ने पांच साल में दलितों के हक के 8351.69 करोड़ रुपए दूसरे मदों में खर्च कर दिए। विभाग के मंत्रियों को यह तक पता नहीं है कि दलितों का यह पैसा कहां और कैसे खर्च करना है? यह सब तब हो रहा है जब प्लानिंग कमीशन सभी विभागों को ‘अनुसूचित जाति उप योजना’ (एससीएसपी) के तहत सरकारी योजनाओं में दलितों के हक का पैसा अलग से अकाउंट खोलकर उसमें...
More »बढ़ता दायरा घटता प्रभाव!
पिछले कुछ समय में बिहार में नक्सली हिंसा कम हुई है लेकिन नक्सल प्रभावित इलाके बढ़े हैं. इस बार नक्सलियों द्वारा बहिष्कार की घोषणा के बावजूद विधान सभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है. इसे नक्सलियों के घटते असर के रूप में देखा जाए या उनकी बदली रणनीति के तौर पर, बता रहे हैं निराला एनएच टू यानी जीटी रोड पर है डोभी. डोभी से ही गया-बोधगया जाने के लिए...
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