अब तक के सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्ताव पोस्को स्टील प्लांट को लेकर रहस्य अभी बरकरार है। उड़ीसा स्थित पोस्को परियोजना पर गठित स्वतंत्र जांच समिति ने सरकार से कंपनी को दी गई पर्यावरण क्लीयरेंस वापस लेने की सिफारिश की है। हालांकि, यह मीना गुप्ता की अगुवाई वाली समिति के तीन सदस्यों की ही राय है। जबकि खुद गुप्ता दक्षिण कोरियाई कंपनी को दी गई अनापत्ति जारी रखने के हक...
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पोस्को पर फैसले में अब ज्यादा देर नहीं
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। जी-20 के सम्मेलन में शिरकत के लिए नवंबर में दक्षिण कोरिया रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को देश में पोस्को के निवेश पर भी अंतिम फैसला लेना होगा। जी-20 विकसित व भारत, चीन जैसे प्रमुख विकासशील देशों का संगठन है। उड़ीसा में यह दक्षिण कोरियाई कंपनी 50 हजार करोड़ से अधिक निवेश से विशाल स्टील प्लांट लगा रही है। इस कंपनी के निवेश का...
More »एफडीआई से दूर होगी फल-सब्जियों की महंगाई!
नई दिल्ली। देश की प्रमुख रिसर्च फर्म क्रिसिल क्या दूर की कौड़ी ढूंढ़ कर लाई है। फर्म का कहना है कि अगर मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई को खुलकर आने दिया जाए तो कोल्ड स्टोरेज चेन में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे सब्जियां और फल सस्ते हो जाएंगे। क्रिसिल ने इसकी वजह यह बताई है कि कोल्ड स्टोरेज ज्यादा तैयार होंगे तो जल्द खराब होने वाले...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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