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पांचवीं अनुसूची का महत्व-- अनुज लुगुन

साल 1820 में झारखंड के ‘हो' आदिवासी समुदाय और अंग्रेजों के बीच चाईबासा के निकट रोरो नदी के किनारे पहली लड़ाई हुई थी. उसके पहले न ही अंग्रेजों का और न ही मुख्यधारा के समाज का ‘हो' आदिवासियों से शासकीय संबंध था. तब के अंग्रेज अधिकारी मेजर रफसेज ने कूटनीतिक हितों को देखते हुए कोल्हान के हो आदिवासियों को कंपनी शासन के अधीन रखने की योजना बनायी. अंग्रेजों द्वारा हो...

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प्राथमिकता नहीं है पर्यावरण-- ज्ञानेन्द्र रावत

पर्यावरण क्षरण का प्रश्न आज समूचे विश्व के लिए गंभीर चिंता का विषय है. कई रिपोर्टों, वैज्ञानिक अध्ययनों और शोधों ने रेखांकित किया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उपजे खराब मौसम से प्रलयंकारी घटनाएं बढ़ेंगी. तेजी से बढ़ते तापमान के चलते गर्मी में लोगों की मौत का सिलसिला बढ़ेगा. ग्लेशियरों का पिघलना तेज होगा, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ेगा. ऐसे में बाढ़ की विभीषिका का सामना करना आसान नहीं...

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बचपन का बोझ कम करने के लिए- हरिवंश चतुर्वेदी

स्कूली बच्चों और अभिभावकों के लिए यह अच्छी खबर है। अब पहली से दसवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूली बैग का वजन निर्धारित कर दिया गया है। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित क्षेत्रों को निर्देश दिए गए हैं कि अब स्कूली बच्चों के बैग का वजन वही होगा, जो कि मंत्रालय ने निर्धारित किया है। अब पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के बैग...

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सीबीआई संकट का सच-- शशिशेखर

सुप्रीम कोर्ट ने कभी केंद्रीय जांच ब्यूरो, यानी सीबीआई पर तंज कसा था कि यह पिंजरे में बंद तोता है। क्या पता था कि कोर्ट द्वारा विभूषित इस ‘पिंजरे' में आपसी टकराहटों की आवाजें इतनी मुखर हो जाएंगी कि तमाशे के प्रमुख किरदार खुद तमाशा बन जाएंगे। देश की इस सर्वोच्च जांच एजेंसी के शीर्षस्थ दो अधिकारियों में लड़ाई के बाद का घटनाक्रम खासा दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पहला मौका है, जब...

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लंबा रास्ता तय करना है हमारे मी टू को- जयंती रंगनाथन

हैशटैग-मी टू की गुहार हमारे यहां भी पहुंच ही गई। इस अभियान के लिए शक्ति के पर्व से बेहतर मौका और क्या हो सकता है? हर दिन कुछ नए नाम सामने आ रहे हैं, नए खुलासे हो रहे हैं, बातें बन रही हैं। फिल्म जगत, मीडिया, मनोरंजन जगत, राजनीति... औरतें सामने आ रही हैं, बता रही हैं कि बरसों पहले उनके साथ क्या हुआ था? कइयों ने कहा, हमारे पास...

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