संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष २०१० को जैवविविधता का वर्ष घोषित किया था और २०१० में ही भारत सरकार ने दुनिया भर में अपनी जैवविविधता के लिए मशहूर महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के निर्माण के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया। ९९०० मेगावाट के जैंतापुर परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के लिए रत्नागिरी इलाके की जिन जमीनों को लिया जा रहा है, वे जमीन पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं। इस इलाके में १५० प्रकार के...
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कानकुन समझौताः डूबते को तिनका
स्पेनी में एक कहावत है, ‘माल कैसा भी हो हांक हमेशा ऊंची लगानी चाहिए।’ मैक्सिको के कानकुन शहर में हुए जलवायु सम्मेलन से लौट रहे 194 देशों के मंत्री शायद इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए सम्मेलन में हुए समझौतों की तारीफ़ कर रहे हैं। सम्मेलन के मेज़बान मैक्सिको के राष्ट्रपति फ़िलीपे काल्डिरोन ने कहा कि इस सम्मेलन ने विश्व के नेताओं के लिए धरती को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के...
More »विफलता का दूसरा चक्र कानकुन- महेश राठी
संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों की शुरुआत जहां दुनिया भर के राजनेताओं, पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों के लिए पिघलते हुए ग्लेशियर, जलस्तर बढ़ते महासागरों, धसकते पहाड़ों, बदलते मौसम और गर्म होती धरती की चिंताओं का केंद्र थी, वहीं कोपेनहेगन और कानकुन तक पंहुचते यह चिंता विकसित दुनिया के हितों को साधने की कूटनीतिक चालों को पूरा करने के साधन स्थलों में बदल चुकी थी। अंततोगत्वा इस नीले ग्रह को बचाने...
More »सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर बने नई खनन नीति- राजेन्द्र अभ्यंकर
वेदांत, पोस्को और सिंधुदुर्ग। इन तीनों मामलों में मुद्दा एक ही है-खनन और संसाधन आधारित उद्योग के लिए एक सुविचारित नीति की आवश्यकता। पिछले दिनों सरकार ने उड़ीसा के पिछड़े कालाहांडी जिले में नियमगिरि पहाडिय़ों पर वेदांत को दी गई खनन की अनुमति वापस लेने का फैसला किया। उधर, उड़ीसा में पोस्को लौह अयस्क परियोजना पर गुप्ता समिति ने एक तरह से विभाजित फैसला दिया। इसके अलावा पश्चिमी घाट क्षेत्र...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
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