दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...
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हलक ही नहीं, पेट पर भी आफत
मुजफ्फरपुर। अप्रैल की शुरुआती गर्मी ने मनुष्य व जानवरों के हलक ही नहीं पेट पर भी आफत ला दी है। पिछले साल आए सूखे के कारण इस साल जिले के ताल-तलैया सूख गए। सरैया प्रखंड की हालत तो यह है कि जलसंकट के कारण अब धोबी कपड़ा नहीं धो पा रहे और इनपर रोटी का संकट है। गंडक नहर भी पांच माह से सूखी है। दियारा क्षेत्र में वन्य प्राणी प्यास से तड़प रहे हैं।...
More »नीलगायों से फसल की बर्बादी पर केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस
पटना पूर्वी चंपारण के वन पदाधिकारियों की माने तो वहां नीलगाय प्रतिवर्ष 626 करोड़ की फसल को बर्बाद कर रहे हैं। नीलगायों के प्रकोप से डेढ़ सौ लाख हेक्टेयर फसल चौपट हो रही है मगर राज्य सरकार का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। एक लोकहित याचिका में उठाये गये इस गंभीर समस्या को देखते हुए पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। दोनों को दो महीने...
More »किसानों के लिए बनेगा हेल्प डेस्क : मथुरा
धनबाद (पुटकी)। झारखण्ड सरकार के कृषि, पशुपालन व मत्सय मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने कहा है कि वे अपने कार्यो के बदौलत पूरे प्रदेश में कृषि को मुकाम देंगे। महतो शनिवार को सियालगुदरी पंचायत भवन के प्रांगण में झारखण्ड विस्थापित किसान द्वारा आयोजित अपने अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। महतो ने इस मौके पर कहा कि किसानों के लिए बननी वाली लाभकारी योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ किसानों को दिलाने के लिए जिलों में हेल्प...
More »बारिश कम होने से सूखे जैसे हालात
जम्मू, जागरण संवाददाता : वर्ष 2009 मौसम को चुनौतियां देता दिखा। न तो समय पर बारिश हुई और न ही गर्मी, सर्दी भी ऐसी रही कि इससे पर्यावरण को सुरक्षित माना जाए। कम बारिश होने के कारण और तापमान के उतार चढ़ाव के चलते फसल तो प्रभावित हुई ही पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के दिनों में निकलने वाले झरने भी नहीं फूटे। पर्यावरणविद् डा. संजय शर्मा के अनुसार नदी-नालों का जलस्तर कम हुआ है। बहुत से...
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