शिक्षक का दर्जा समाज में बड़ा ही सम्माननीय तथा उच्च माना गया है। वह नैतिकता व आदर्शों का प्रेरणास्रोत तथा जीवन-मूल्यों के सतत नियामक रूप में भी जाना गया है। शिक्षक के रूप में एक विनयशील, अनुशासनबद्ध और आदर्श जीवन पर चलने वाले व्यक्ति को मान्य किया गया है तथा माना गया है कि उस पर समाज, राष्ट्र तथा मानव जीवन की सभी नैतिक जिम्मेदारियां हैं। समय के साथ ‘गुरु'...
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मायके में शौचालय नहीं तो बेटी ने तीजा में जाने से किया इनकार
बिलासपुर। सांसद आदर्श ग्राम हथनीकला में मोदी मॉडल की धूम मची हुई है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में सामने आया जब जिले के उसलापुर की बेटी बिसमिलन बाई पाटले ने मायके में शौचालय न होने के कारण तीजा में न जाने का फैसला अपने पिता को सुना दिया। दरअसल आदर्श ग्राम की महिलाओं व ग्रामीणों ने खुले में शौच न जाने का संकल्प लिया है। सांसद आदर्श ग्राम विकास में...
More »दिल्ली में अब 14 हजार रुपए न्यूनतम मजदूरी
अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की घोषणा की है। उन्होंने केंद्र और अन्य राज्यों से अपील की है कि इस ऐतिहासिक फैसले को पूरे देश में लागू किया जाए। मजदूरों को समर्पित स्वतंत्रता दिवस के इस तोहफे से अकुशल, अर्द्ध-कुशल और कुशल मजदूरों की मजदूरी में औसतन 45 फीसद की बढ़ोतरी होगी। केजरीवाल की घोषणा के अनुसार दिल्ली में अब...
More »ऊना में दलितों ने मैला न उठाने का लिया संकल्प, रेल रोकने की दी चेतावनी
ऊना (गुजरात) : गुजरात के ऊना में हजारों दलितों ने मृत गायों को नहीं हटाने का संकल्प लिया. साथ ही कहा कि अगर एक महीने के भीतर गुजरात सरकार प्रत्येक परिवार को पांच एकड़ जमीन देने की उनकी मांग को पूरा नहीं करती है तो विशाल रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इन सबके बीच हमले की ताजा घटना के बाद फिर से तनाव व्याप्त हो गया....
More »विश्व आदिवासी दिवस : कहां खड़े हैं आदिवासी
अनुज कुमार सिन्हा : एक आदिवासी (सही शब्द जनजातीय) बहुल राज्य रहा है. विश्व अादिवासी दिवस (नौ अगस्त) के माैके पर यह चिंतन का वक्त है कि आदिवासी समाज कहां खड़ा है, देश आैर झारखंड में उनकी वास्तविक स्थिति क्या है. जल, जंगल और जमीन आरंभ से आदिवासी जीवन से जुड़ा रहा है. समय के साथ-साथ बदलाव हुए हैं आैर यह समाज भी बदला है. अंगरेजाें के खिलाफ...
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