SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 373

हांकने की फांस, गेहूं बना ग्रास-- अनिल रघुराज

शरद पवार जैसे बहुरंगी कलाकार की जगह उन्नीस महीने पहले जब राधा मोहन सिंह को देश का कृषि मंत्री बनाया गया, तो आम धारणा यही बनी कि जमीन से जुड़े नेता होने के नाते वे कृषि अर्थव्यवस्था ही नहीं, किसानों के व्यापक कल्याण का भी काम करेंगे. संयोग से करीब सवा साल बाद मंत्रालय का नाम भी बदल कर कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय कर दिया गया.  लेकिन, उसके बमुश्किल...

More »

प्रदूषण की चपेट में समुद्री जीवन-- अरविन्द कुमार सिंह

हाल ही में ‘नेचर जियोसाइंस' पत्रिका का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि वायु प्रदूषण की वजह से समुद्री जीवन विषैला बन रहा है। यह खुलासा स्पेन के वैज्ञानिकों ने किया है। उनके शोध के मुताबिक जीवाश्म र्इंधन का उपयोग, औद्योगिक कार्बन उत्सर्जन और जंगल की आग समुद्री जीवन को जहरीला बना रहे हैं। इन वैज्ञानिकों का दावा है कि इनसे उत्सर्जित पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (पीएएचएस) नामक घातक रसायन...

More »

कपास की खेती का नया बिजनेस मॉडल

भारत में अभी भी 90 फीसदी कपास की खेती पारंपरिक ढंग से होती है और खेती में जेनेटिकली मोडिफाइड सीड का उपयोग होता है. एक अमेरिकी कंपनी की मदद से भारत में ऑर्गेनिक कॉटन की खेती की जा रही है. ऑर्गेनिक कॉटन से बने कपड़ों का बाजार विकसित हो रहा है. अगर यह प्रयोग सफल हो गया तो किसानों को मुनाफा तो होगा ही, आत्महत्या की नौबत नहीं आयेगी. खरबों...

More »

जे जयललिता: नीतियों ने गढ़ी करिश्माई छवि --- प्रमोद जोशी

फिल्मों के ग्लैमरस संसार से आयीं जयललिता को राजनीति में प्रवेश करने के पहले कई प्रकार के अवरोधों, अपमानों और दुर्व्यवहारों का सामना भी करना पड़ा. शायद उनके अप्रत्याशित व्यवहार के पीछे यह भी एक बड़ा कारण था. पर, उनकी गरीबनवाज छवि ने उनके सारे दोषों को धो दिया.   उनके ऐसे व्यक्तित्व को विकसित करने में तमिलनाडु की विलक्षण व्यक्ति-पूजा का भी योगदान है. भारतीय राजनीति में बड़े-बड़े कटआउटों की...

More »

संकट में वन्य जीव-- रीता सिंह

वर्ल्ड वाइल्ड फंड एवं लंदन की जूओलॉजिकल सोसायटी की हालिया रिपोर्ट चिंतित करने वाली है कि 2020 तक धरती से दो तिहाई वन्य जीव खत्म हो जाएंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में हो रही जंगलों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले चार दशकों में वन्य जीवों की संख्या में भारी कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 1970 से 2012 तक...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close