नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने नवीनतम रिपोर्ट में कोयला खदानों में हुए बंदरबांट का खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक कोयला खदानों में नीलामी प्रक्रिया का पालन नहीं करने के चलते सरकारी खजाने को करीब 10.67 लाख करोड़ रुपए की चपत लगी। नुकसान की यह रकम 2जी घोटाले की रकम से 6 गुना ज्यादा है। बिना नीलामी कोयला खदानों का आवंटन एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक 2004 से...
More »SEARCH RESULT
बजटः सस्ते घर का सपना होगा साकार!
नई दिल्ली. बजट 2012 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने उन लोगों को राहत देने की कोशिश की है जो सस्ते घरों की चाहत रखते हैं। नए प्रावधानों की वजह से आने वाले दिनों में डेवलपर्स अफोर्डेबल हाउसिंग यानी सस्ते घरों की कीमतें घटा सकते हैं। सरकार ने बजट में डेवलपर्स को अफोर्डेबल हाउसिंग परियोजनाओं के लिए विदेशों से कर्ज लेने की अनुमति दी है। डेवलपर्स का कहना है कि...
More »सबक, स्वार्थ और संदेश-इर्शादुल हक
महात्मा गांधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी बदलते बिहार पर वैश्विक सम्मेलन के समापन सत्र में अपना भाषण एक काल्पनिक चिट्ठी के रूप में पेश करते हैं. जयप्रकाश नारायण के नाम लिखे पत्र में वे कहते हैं, 'जयप्रकाश जी अगर आज आप होते तो खुश होते कि आपके दो शागिर्दों-लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने बिहार में कितना अच्छा काम किया है. लालू ने बिहार...
More »राहत शिविर या शामत शिविर!- राजकुमार सोनी(तहलका)
वे गांव लौटे तो नक्सलवादियों का निशाना बन जाएंगे और यदि राहत शिविरों में रहते हैं तो उन्हें अमानवीय परिस्थितियों के बीच ही बाकी जिंदगी गुजारनी पड़ेगी. सलवा जुडूम अभियान के दौरान बस्तर के राहत शिविरों में रहने आए हजारों ग्रामीण आदिवासी आज त्रिशंकु जैसी स्थिति में फंसे हैं. राजकुमार सोनी की रिपोर्ट कोतरापाल गांव की प्रमिला कभी 15 एकड़ खेत की मालकिन थी, लेकिन गत छह साल से वह अपने...
More »सदिच्छा का सत्यानाश- इर्शादुल हक
सैकड़ों करोड़ रु की जिस रकम से बिहार के स्कूलों की तस्वीर बदल सकती थी उसका ज्यादातर हिस्सा भ्रष्टाचारियों की जेब में चला गया. इर्शादुल हक की पड़ताल सत्ता के शीर्ष से चले अच्छे इरादों का जमीन तक पहुंचते-पहुंचते किस तरह बंटाधार हो जाता है, इसका उदाहरण है यह घोटाला. इससे यह भी साफ होता है कि योजनाएं कितनी भी अच्छी बन जाएं, जब तक उन्हें अमली जामा पहनाने वाले तंत्र...
More »