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चीनी पर सरकारी नियंत्रण चाहते हैं किसान, आयात शुल्क बढ़ाने के पक्ष में सरकार

नई दिल्ली। चीनी की कीमतों को स्थिर रखने के लिए किसान संगठन चीनी को सरकारी नियंत्रण में लाने की मांग कर रहे है वहीं सरकार आयात शुल्क में बढ़ोतरी की वकालत कर रही है। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान और गन्ना किसानों के प्रतिनिधियों की बुधवार को अहम बैठक हुई है, जिसमें खाद्य मंत्रालय ने जहां चीनी पर लगने वाले आयात शुल्क को 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने...

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तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पहुंची सुंगधित पौधों की खेती

पारंपरिक खेती लगातार नुकसान का सौदा साबित होती जा रही है, इसलिए किसानों का रुझान गैर पारंपरिक खेती की तरफ बढ़ रहा है। देश में इस समय तीन लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा क्षेत्र में औषधीय एवं सुगंधित पौंधों की खेती की जा रही है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री हर्षवर्धन का कहना है कि देश औषधीय एवं सुगंधित पौंधों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है। डॉक्टर हर्षवर्धन ने उत्तराखंड...

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मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य सेवा सुधारने को बड़ी घोषणा, कांट्रैक्ट डॉक्टर होंगे स्थायी

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार भविष्य में कांट्रैक्ट पर डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं करेगी और फिलहाल कांट्रैक्ट पर कार्यरत सभी डॉक्टरों को नियमित किया जायेगा. उन्होंने डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र 65 से बढ़ा कर 70 वर्ष किये जाने के प्रस्ताव को भी अपना समर्थन दिया. वह गुरुवार को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के 45वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस...

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विस्थापन के सबसे ज्यादा शिकार हैं आदिवासी : मंत्रालय की रिपोर्ट

देश की आबादी में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 8.6% है लेकिन विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वाले लोगों कुल संख्या में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 40 प्रतिशत है। भूमि अधिग्रहण संबंधी अध्यादेश के जारी होने के साथ उपजे विवाद के बीच आई एक नई रिपोर्ट में विस्थापन और विकास के संदर्भ में आदिवासी समुदाय के लोगों से संबंधित ऐसे कई महत्वपूर्ण तथ्यों का उल्लेख है।...

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विदेशी कंपनियां नहीं लाएंगी अच्छे दिन - डॉ. भरत झुनझुनवाला

वर्ष 2005 से 2010 के बीच देश की अर्थव्यवस्था 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी। अरबपतियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही थी। फिर भी जनता में असंतोष था, जिसका परिणाम संप्रग सरकार को 2014 के चुनाव में झेलना पड़ा। मोदी सरकार के सामने 2015 की चुनौती विकास को आम जनता तक पहुंचाने की है। हमारी वर्तमान विकास दर 5 से 6 प्रतिशत के बीच है।...

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