जनसत्ता 5 जून, 2013: दलितों के अधिकारों की जानकारी हासिल करने के लिए सूचनाधिकार के तहत डाले गए आवेदन पर जानकारी मिलने में कितना वक्त लगता है? यों तो नियत समय में जानकारी मिल जानी चाहिए, मगर आप गुजरात जाएं तो वहां कम से कम तीन साल का वक्त जरूर लग सकता है और वह भी तब जब आप सूचना हासिल करने के लिए राज्य के सूचना आयोग के आयुक्त...
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माओवाद को लेकर मतिभ्रम- विनोद कुमार
जनसत्ता 31 मई, 2013: झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित देश के वनक्षेत्र वाले इलाकों में माओवादी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। हाल में झारखंड से सटे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर हमला कर माओवादियों ने तीन दर्जन लोगों को मार डाला। इस हमले में मारे जाने वाले कुछ सुरक्षाकर्मियों सहित कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता हैं। आजादी के साढ़े छह दशक बाद भी कांग्रेस और भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियां अगर ‘विकास...
More »खरीफ में ग्वार का उत्पादन बढऩे के आसार
अच्छे मानसून से ग्वार की बुवाई को बढ़ावा मिलेगा : कारोबारी मौजूदा खरीफ सीजन में बेहतर मानसून की संभावना से देश में ग्वार की पैदावार बढऩे के आसार हैं। कारोबारियों का कहना है कि अच्छी बारिश होने से तो ग्वार की पैदावार को बढ़ावा मिलेगा ही, इस साल ग्वार के भाव अच्छे रहने से भी किसानों की दिलचस्पी बढ़ेगी। ग्वार गम की ज्यादातर खपत तेल व गैस उत्खनन में किया जाता...
More »जंगल-जमीन बचाने के लिए सतपुड़ा में आंदोलन- बाबा मायाराम
इन दिनों सतपुड़ा के जंगलों के आदिवासी आंदोलित हैं। इसकी एक झलक होशंगाबाद में जब दिखाई दी तब आदिवासियों के जोशीले नारों से यहां की गलियां गूंज उठीं। दूरदराज के गांवों से सैकड़ों की तादाद में यहां आकर आदिवासियों ने जता दिया कि शेर पालने के नाम पर उनकी रोजी-रोटी पर लगाई जा रही रोक उन्हें मंजूर नहीं है। इसका पूरी ताकत से विरोेध किया जाएगा। इस जुलूस का फौरी असर...
More »किसानों ने गेहूं बिक्री से खींचा हाथ
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। मूल्य बढ़ने की आस में किसानों ने गेहूं बिक्री से हाथ पीछे खींचना शुरू कर दिया है। इस वजह से गेहूं उत्पादक राज्यों की मंडियों में आवक लड़खड़ा गई है। व्यापारियों की प्रतिस्पर्धा में सरकारी एजेंसियों की खरीद पर भी असर पड़ रहा है। देश की प्रमुख अनाज मंडियों में गेहूं की आवक घट गई है। यह गिरावट सरकार के लिए चिंता का सबब भी हो...
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