किसानों अब अपनी मांग को पूरा करने के लिए एक अलग तरीका अपनाया है। जिससे ना सिर्फ सरकार पर बल्कि आम जनता पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल सकता है। चंडीगढ़ में किसानों ने इकट्ठा होकर 1 से 10 जून कर अपने गांव को सील करने का ऐलान किया है। इस दौरान गांव से बाहर एक भी सामान सप्लाई नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं किसानों ने सब्जियां,...
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साकार होता ग्राम-स्वराज का सपना - नरेंद्र सिंह तोमर
पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...
More »कृषि अर्थशास्त्र मानसून से आगे-- देविन्दर शर्मा
सबसे पहले अच्छी खबरें। लगातार तीसरे साल मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। ‘भारतीय मौसम विज्ञान विभाग' ने यह भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में चौतरफा अच्छी बारिश होगी और पूरे मानसून सीजन में 97 फीसदी बारिश होगी। लेकिन बात यहीं पूरी नहीं हो जाती। हमें मौसम विज्ञानियों पर भरोसा है, मगर कई स्वाभाविक कारणों से सामान्य से कम वर्षा की 44 प्रतिशत आशंकाएं भी हैं। पिछले...
More »दीर्घकालिक राजनीति की मांग-- प्रो. योगेन्द्र यादव
एक शे'र है- किसी का नाम न लो, बेनाम अफसाने बहुत से हैं.' प्रधानमंत्री के लंदन उवाच को सुनकर बरबस यह शे'र याद आ गया. प्रधानमंत्री ने अपना मौन तोड़ा और कुछ कहा भी नहीं. न बच्ची का नाम लिया (वह तो शायद ठीक ही था), न कठुआ और उन्नाव का नाम लिया, न ही यह माना कि इन दोनाें जगह उनकी पार्टी की सरकार है, न ही यह स्वीकारा...
More »किसान-आत्महत्याओं में कमी लेकिन खेतिहर मजदूरों की आत्महत्याओं में बढ़ती के रुझान
एक साल के दरम्यान खेती-किसानी के काम में लगे लोगों की आत्महत्या घटनाओं में 9.8 फीसद की कमी आई है- क्या इस तथ्य को खेती-किसानी की हालत में सुधार का संकेत मानें ? यह तथ्य केंद्रीय कृषि मंत्रालय के राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रौतेला के एक जवाब के जरिए सामने आया है. बजट-सत्र के दौरान राज्यमंत्री ने 20 मार्च को एक प्रश्न(संख्या-4111) के जवाब में संसद में बताया कि साल 2015 में खेती-किसानी से जुड़े 12602 लोगों...
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