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किसानों और गरीबों की जीत- श्रीकांत शर्मा

विश्व व्यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) की महासभा ने 27 नवंबर को खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए भंडारण के संबंध में एक अहम निर्णय किया है, जिसके बाद भारत में गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम और किसानों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) पर आसन्‍न संकट टल गया है। भारत अब डब्‍ल्‍यूटीओ के सदस्‍य देशों के दखल के बगैर गरीबों को सस्‍ता अनाज देता रहेगा और किसानों को उनकी उपज के...

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आबोहवा को बचाने की कवायद- कोरल डेवनपोर्ट

दो दशक से अधिक समय से वैश्विक संधि की अनवरत विफल कोशिशों के बाद एक बार फिर उम्मीदों के घोड़ों पर सवार संयुक्त राष्ट्र के वार्ताकार सोमवार से दक्षिण अमेरिका में जमा हुए हैं। उनकी कोशिश यही है कि इस बार बात बन जाए। हालांकि ग्रीन हाउस गैस के मौजूदा उत्सर्जन में कटौती करने संबंधी समझौते के बावजूद वैज्ञानिकों का आकलन है कि दुनिया की आबोहवा तेजी से खराब होती...

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कर्ज में डूबे छत्‍तीसगढ़ के किसान बेच नहीं पा रहे धान

गंगेश द्विवेदी, रायपुर। प्रदेश में सोमवार से 1776 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी शुरू गई है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 10 क्विंटल के हिसाब से खरीदी करने का फरमान जारी किया है, लेकिन यह फरमान प्रदेश के किसानों के लिए मुसीबत का पहाड़ बनकर टूट रहा है। किसानों ने कर्ज लेकर धान की बंपर पैदावार की है, लेकिन बेचने का वक्त आया तो सरकार ने...

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कालाबाजारी रोकने में जुटी सरकार, नहीं मिलेगा खाद का नया लाइसेंस

पटना: रबी के मौसम में खाद खासकर यूरिया की किल्लत हो जाती है. खासतौर से यह देखा जाता है कि यह किल्लत कालाबाजारी करनेवाले उत्पन्न कर देते हैं. राज्य के नेपाल सीमा से जुड़े सभी जिलों में खाद की कालाबाजारी की शिकायतें सबसे ज्यादा मिली हैं. ऐसे सभी सीमावर्ती जिलों में कृषि विभाग ने खाद बिक्री के नये लाइसेंस देने पर फिलहाल रोक लगा दी है. अब इन जिलों में खाद...

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'तो गाँव की हर औरत लखपति होती..'

जॉर्ज मोनबाएट ने कहा है कि अगर धन कठिन परिश्रम और व्यवहार कुशलता का परिणाम होता तो अफ्रीका की प्रत्येक महिला लखपति होती. भारत की अर्थव्यवस्था में गांवों की अहम भूमिका है और गांवों की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका पुरुषों से ज़्यादा है. यानी ग्रामीण महिलाएं भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी हैं, लेकिन उनकी मुश्किलों की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता. न ही समाज का और न ही सरकार का. उनकी...

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