इस्पात कंपनी पोस्को की उड़ीसा में लगने वाली 54,000 करोड़ रुपये की परियोजना पर छाए अनिश्चितता के बादल फिलहाल छंटते नजर नहीं आ रहे हैं। इस परियोजना की जांच के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित की गई समिति भी अपने फैसले पर एकमत नहीं है। इसके 4 सदस्यों में 3 ने परियोजना स्थगित करने का सुझाव दिया है, जबकि 1 सदस्य इसे जारी रखने के पक्ष में है। पूर्व पयार्वरण...
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पोस्को पर फैसले में अब ज्यादा देर नहीं
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। जी-20 के सम्मेलन में शिरकत के लिए नवंबर में दक्षिण कोरिया रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को देश में पोस्को के निवेश पर भी अंतिम फैसला लेना होगा। जी-20 विकसित व भारत, चीन जैसे प्रमुख विकासशील देशों का संगठन है। उड़ीसा में यह दक्षिण कोरियाई कंपनी 50 हजार करोड़ से अधिक निवेश से विशाल स्टील प्लांट लगा रही है। इस कंपनी के निवेश का...
More »आदिवासियों की जमीन बचाने के लिए आंदोलन करेंगे अजीत जोगी
रायपुर.पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रदेश में आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने के विरोध में बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को वेदांता समूह के बाक्साइट लीज को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले में 57 करोड़ की कोटवारी जमीन उद्योगपतियों को बेच दी गई जबकि यह सरकारी जमीन है। राज्य सरकार इन्हें तत्काल अवैध घोषित करे। इन मामलों को...
More »केंद्र ने किया पोलावरम परियोजना का समर्थन
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के बीच विवाद की जड़ गोदावरी नदी पर बनने वाली पोलावरम इंद्रा सागर परियोजना का केंद्र सरकार ने समर्थन किया है। केंद्रीय जल आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में परियोजना को मंजूरी का समर्थन करते हुए कहा है कि डूब से बचने के लिए जरूरी उपाय किए जा सकते हैं। आयोग ने यह हलफनामा परियोजना का विरोध करने वाले उड़ीसा राज्य...
More »जीएम खाद्य थोपने पर तुली सरकार-रविंद्र गिन्नौरे
1.दुनिया के किसी देश की सरकार ने ऐसी पहल नहीं की, जो हमारी सरकार करने जा रही है. 2.केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि जीएम खाद्य स्वास्थ्य को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते. 3.दूसरी ओर, भारत में जेनेटिक मोडिफ़ाइड फ़सलों के अपशिष्ट को खाकर कई स्थानों पर पशु मारे जा चुके हैं. भारत सरकार जिस तरह जीएम खाद्य फ़सलों को हम पर थोपने पर तुली है वह शंका का कारण...
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