जयपुर. देशभर में गुरुवार से बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार अनिवार्य भले ही हो गया हो, लेकिन राजस्थान में स्कूली शिक्षा की तस्वीर बेहद धुंधली है। राज्य सरकार की मानें तो यहां के 10 लाख बच्चे अब भी शिक्षा से दूर हैं। जनसंख्या आंकड़े तो इस संख्या को कहीं ज्यादा बताते हैं। केंद्रीय सहायता से राज्य सरकार शिक्षा का ढांचा बेहद मजबूत करेगी। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग कहते हैं, शिक्षा का...
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गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश अगले साल
जयपुर. राज्य के कमजोर और पिछड़े वर्ग के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत निजी स्कूलों की पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश के लिए अभी एक साल इंतजार करना होगा। राज्य में इस कानून का यह प्रावधान 1 अप्रैल, 2011 से लागू होगा। वजह यह है कि कुछ निजी स्कूल प्रबंधकों ने अपनी प्रवेश प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी कर लेने का तर्क दिया था, लेकिन इसी बीच केंद्र व राज्य सरकार...
More »अब खेल-खेल में होगी बच्चों की पढ़ाई
रायपुर.राज्य की आठ हजार शालाओं में प्रयोग के तौर पर पिछले साल लागू की गई मल्टीग्रेड शिक्षा प्रणाली का विस्तार किया जा रहा है। नए शैक्षणिक सत्र में और आठ हजार स्कूलों को योजना के दायरे में लाया जा रहा है। इसमें बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है। तमिलनाडू में इसे पहली बार शुरू किया गया था। वहां मिली सफलता के बाद अब यही प्रयोग छत्तीसगढ़ की सरकारी स्कूलों में किया गया। शासकीय स्कूलों...
More »साढ़े चार हजार स्कूलों में बच्चे बजाते हैं घंटी!
सीकर. राज्य की साढ़े चार हजार स्कूलों में बच्चे घंटी बजाने और सफाई का कार्य कर रहे हैं। यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि प्रदेश की चार हजार 529 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में सहायक कर्मचारी का पद स्वीकृत नहीं है। इसी वजह से, सरकारी स्कूलों में घंटी बजाने, स्कूल की सफाई व वजनी सामान उठाने का कार्य बच्चों से कराया जाता है। हालांकि कई स्कूलों में यह कार्य स्कूल विकास समिति के फंड से कर्मचारी...
More »चौथी पास एक नन्ही टीचर
अकोढ़ीगोला [रोहतास, कमलेश कुमार]। रेल पटरी के पास पड़ी एक नवजात बच्ची। फुलवा की उस पर नजर पड़ी और घर ले आई। उसे जीने का मकसद और नवजात को नयी जिंदगी मिल गई। फुलवा ने उसका नाम 'भारत' की भारती रखा। उसका सपना कि वह पढ़ लिखकर टीचर बने और समाज को शिक्षित बनाए। फुलवा तो अब नहीं है, लेकिन उसकी बेटी अपने मां के मकसद को जरूर साकार कर रही है। वह टोले...
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